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पन्ना में साइबर ठगी का अनोखा मामला! थाईलैंड-कंबोडिया से चलाते थे रैकेट… पुलिस ने किया डिजिटल अरेस्ट, 14 लाख की ठगी का मामला सुलझा

7 फरवरी 2025 को पन्ना के धाम मोहल्ला निवासी अंशु शर्मा ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें कॉल करके डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी. ठगों ने दावा किया कि उनकी आईडी अवैध गतिविधियों में शामिल है. मानसिक दबाव और भय में आकर अंशु ने ठगों के बताए खातों में आरटीजीएस के जरिए 14 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.

साइबर ठगी का अनोखा मामला साइबर ठगी का अनोखा मामला

हीरों की नगरी पन्ना में एक बार फिर पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलने वाला डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी के नेटवर्क को ध्वस्त किया है. थाईलैंड और कंबोडिया से भारत में चल रहे इस हाई-टेक ठगी रैकेट के दो शातिर आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. पन्ना पुलिस ने न केवल 14 लाख रुपये की ठगी के मामले को सुलझाया, बल्कि आरोपियों के कब्जे से 27 लाख 30 हजार रुपये की कीमती सामग्री भी जब्त की है. 

क्या है डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी?
डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का एक नया और खतरनाक रूप है, जिसमें ठग सरकारी एजेंसियों जैसे सीबीआई, एनसीबी या साइबर पुलिस का नाम लेकर लोगों को डराते हैं. वे फर्जी कॉल्स के जरिए पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनकी पहचान किसी अपराध में शामिल है और उन्हें डिजिटल माध्यम से गिरफ्तार किया जा सकता है. इस भय का फायदा उठाकर ठग पीड़ितों से मोटी रकम वसूल लेते हैं. पन्ना के इस मामले में भी ठगों ने यही हथकंडा अपनाया.

कैसे हुआ खुलासा?
7 फरवरी 2025 को पन्ना के धाम मोहल्ला निवासी अंशु शर्मा ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें कॉल करके डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी. ठगों ने दावा किया कि उनकी आईडी अवैध गतिविधियों में शामिल है. मानसिक दबाव और भय में आकर अंशु ने ठगों के बताए खातों में आरटीजीएस के जरिए 14 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. शिकायत मिलते ही पन्ना पुलिस अधीक्षक साईं कृष्णा एस थोटा ने मामले को गंभीरता से लिया और एक विशेष टीम का गठन किया.

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पुलिस ने तकनीकी जांच और मुखबिरों की मदद से दो संदिग्धों- ऋषिकेश उर्फ ऋषभ हसूरकर (27 साल) और सुरेश गुड़ीमनी (31 साल)- को मुंबई से हिरासत में लिया. पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार किया और चौंकाने वाले खुलासे किए.

पन्ना में ठगी का मामला
पन्ना में ठगी का मामला

टेलीग्राम से थाईलैंड तक का कनेक्शन
आरोपियों ने बताया कि उनकी दोस्ती टाईनीसी पर थाईलैंड और कंबोडिया में रहने वाले विदेशी लोगों से हुई थी. एक टेलीग्राम यूजर, जिसे वे 'बॉस' कहते थे, ने उन्हें सिम बॉक्स के जरिए भारत में ठगी करने की जानकारी दी. इस बॉस ने कुरियर के माध्यम से भारत में प्रतिबंधित सिम बॉक्स भेजे, जिनका इस्तेमाल वॉयस कॉल्स को लोकल कॉल में बदलने के लिए किया जाता था. आरोपियों ने मुंबई में किराए के फ्लैट में सेटअप तैयार किया, जो थाईलैंड में मौजूद एक समान सेटअप की नकल था.

क्या-क्या हुआ जब्त?
पन्ना पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कई सामग्री जब्त की है. इसमें 12 सिम बॉक्स, डिवाइस (कीमत करीब 14 लाख 40 हजार रुपये), 1700 एयरटेल सिम कार्ड, प्रत्येक में 399 रुपये का प्लान, कुल कीमत 6 लाख 80 हजार रुपये, 19 मोबाइल फोन जिनकी कीमत 3 लाख 50 हजार रुपये है, 3 लैपटॉप 90 हजार रुपये वाले, 4 राउटर और 4 गैंगबॉक्स, 1.5 लाख रुपये नकद, थाईलैंड और कंबोडिया की विदेशी मुद्रा शामिल हैं. कुल जब्त सामग्री की कीमत 27 लाख 30 हजार रुपये आंकी गई है.

लक्जरी गाड़ियों के शौकीन ठग
पुलिस जांच में पता चला कि ये ठग ऐशो-आराम की जिंदगी जीते थे. बीएमडब्ल्यू जैसी लक्जरी गाड़ियों के शौकीन इन आरोपियों ने ठगी के पैसों से शाही ठाठ-बाट अपनाया था. पन्ना पुलिस ने इनके इस शानदार लाइफस्टाइल को भी उजागर किया, जो साइबर अपराध की कमाई से चल रहा था.

पन्ना एसपी साईं कृष्णा एस थोटा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह एक अनोखा और तकनीकी रूप से जटिल मामला है. स्टेट साइबर सेल, मध्यप्रदेश पुलिस, केंद्रीय तकनीकी एजेंसियों और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर जांच को और गहराई से आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों और ठगी के मामलों का खुलासा जल्द हो सकता है.

(दिलीप शर्मा की रिपोर्ट)