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Life Imprisonment For Stray Dogs: न अपील, न दलील और न वकील.. कुत्तो को भी हो सकता है अजीवन कारावास, जानें कैसे बच सकेंगे सज़ा से

इंसानों की तरह ही अब कुत्तों को अजीवन कारावास हो सकता है. लेकिन यह क्यों होगा और क्या शर्ते होंगी जानें इस खबर में. साथ ही सज़ा माफ भी हो सकती है.

आमतौर पर कोई इंसान जब कोई अपराध करता है, तो कानून के मुताबिक उसे जेल भेजा जाता है. कई बार गंभीर अपराध में दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास तक की सजा दी जाती है. लेकिन अगर यही सजा किसी पशु यानी कुत्ते को दे दी जाए, तो आप सोचेंगे उसने कौन का गुनाह किया होगा और कौन से कानून के मुताबिक उसे ये सजा दी गई है. 

कुत्तो को मिलेगी सज़ा
कोई इंसान जब किसी इंसान को कत्ल कर दे या कोई बड़ा अपराध करे तो उसे उम्र कैद की सजा दी जाती है. लेकिन मनुष्य के सबसे करीबी दोस्त कहलाने वाले कुत्तों को ये सजा किसी इंसान को बस दो बार काटने पर ही दे दी जाएगी. आपको ये सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन ये सच है. 

उत्तर प्रदेश सरकार ने कुत्तों के हमले से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए ये कदम उठाया है. प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने प्रदेश के सभी नगर निकायों को ये नया आदेश जारी कर दिया है. इसमें हमलावर कुत्तों को अनूठी सजा का प्रावधान किया गया है.

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कितने दिन की मिलेगी सज़ा
आदेश के अनुसार पहली बार किसी को काटने पर कुत्ते को 10 दिन की सजा होगी. दूसरी बार काटने पर उसे उम्रकैद की सजा दी जाएगी. उम्र कैद और 10 दिन की सजा के दौरान काटने वाले कुत्ते को रखने के लिए प्रयागराज में इंसानों की तर्ज पर कुत्तों की जेल तैयार है. ये जेल शहर के करेली इलाके के एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर में है जहां एक साथ सैकड़ों कुत्तों को रखा जा सकता है. 

सज़ा के लिए क्या है शर्त
कुत्तों को सजा देने के मामले में कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. इसके लिए पीड़ित व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में इलाज का प्रमाण देना होगा. इसकी जानकारी होने पर नगर निगम के पशुधन विभाग की टीम कटखने कुत्ते को पकड़कर एबीसी सेंटर ले जाएगी. सेंटर पर इलाज के साथ कुत्ते को निगरानी में रखा जाएगा. 10 दिन बाद सेंटर से छोड़े जानें के पहले कुत्ते के शरीर पर माइक्रोचिप लगाई जाएगी. माइक्रोचिप के जरिए ही कुत्ते के व्यवहार और लोकेशन पर निगरानी रखी जाएगी.

10 से 15 दिन जेल में गुजारने के बाद भी अगर कुत्ते के व्यवहार में बदलाव नहीं दिखता और वो बगैर किसी उकसावे पर किसी दूसरे शख्स को काट खाता है तो माना जाएगा कि वो सीरियल ओफेंडर या आदतन कटखना है. ऐसे हाल में उसे आजीवन कारावास की सजा मिलना तय है.

कुत्ते के लिए गठित होगी टीम
जब किसी इंसान को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है तो उसे अपील और दलील का पूरा मौका मिलता है. वकील न होने पर सरकारी वकील भी दिया जाता है. इंसानों की तरह कुत्ते न तो अपील कर सकते है, न दलील दे सकते हैं और न ही वकील कर सकते हैं. 

ऐसे में सरकार की तरफ से गठित तीन सदस्यीय टीम ये जिम्मेदारी उठाएगी टीम ये जांच करेगी की वाकई कुत्ते ने दो बार लोगों को काटा है, क्या वो वाकई आदतन कटखना है. इस जांच टीम में पशुधन अधिकारी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि और एसपीसीए के सदस्य होंगे. टीम जांच में ये भी देखेगी कि कहीं कुत्ते को हमला करने के लिए प्रेरित तो नहीं किया गया. हमले के लिए प्रेरित नहीं करने का प्रमाण मिलने पर कुत्ते को पुन एबीसी सेंटर की जेल में आजीवन में रखा जाएगा.

माफ हो सकती है कुत्ते की सज़ा
बहुत से मामलों में हमने देखा है कि सजा पाए कुछ कैदियों को उनके अच्छे व्यवहार के चलते समय से पहले रिहा कर दिया जाता और सजा माफ कर दी जाती है. इसी तर्ज पर आजीवन कारावास की सजा पाए कुत्ते की रिहाई की भी शर्ते होंगी. आजीवन कैद की सजा पाने वाले कुत्ते की रिहाई उसी हालत में हो पाएगी जब उसे कोई अधिकृत तौर पर गोद लेगा और उसकी पूरी जिम्मेदारी उठाएगा. प्रमुख सचिव का 10 सितंबर का ये आदेश प्रयागराज में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

-आनंद राज की रिपोर्ट