
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव थरौली को हाईटेक होने की पहचान मिल चुकी है. यह गांव हाईटेक तकनीक के मामले में शहरों को कड़ी टक्कर दे रहा है. इस गांव की विशेषता को लेकर न सिर्फ इसे अवार्ड्स मिले हैं बल्कि यहां का दौरा कई देशों की टीम भी कर चुकी है. यह गांव न सिर्फ शहर को मात देता है बल्कि एक मिसाल है.
हाईटेक सुविधाएं
थरौली गांव में हाईटेक कंट्रोल रूम, स्मार्ट स्कूल, मॉडर्न लाइब्रेरी, फिटनेस की व्यवस्था, और सीसीटीवी से निगरानी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. यहां सात तालाबों का निर्माण कर वर्षा जल संचयन किया गया है. गीले कचरे से खाद बनाई जा रही है. साथ ही, वर्मी कम्पोस्ट खाद के जरिए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
ग्राम प्रधान का योगदान
यह सब संभव हुआ है ग्राम प्रधान रीटा चौधरी और उनके प्रतिनिधि संदीप चौधरी के प्रयास से. संदीप चौधरी ने बताया, "हमने 29 कैमरों का कंट्रोल रूम बनाया है और पूरे गांव में सिंगल फाइबर पे स्पीकर्स लगाए हैं." इस गांव में 29 हाईटेक आईपी आधारित सीसीटीवी कैमरे और क्लाउड बेस्ड स्मार्ट स्पीकर्स लगाए गए हैं.
महिलाओं की सुरक्षा
इस गांव में लड़कियों और महिलाओं के लिए ऐसा सुरक्षित माहौल तैयार किया गया है जिससे वे रात में भी बेखौफ़ होकर बाहर घूम सकती हैं. यहां बेटी के जन्म पर सामूहिक उत्सव मनाया जाता है, जिससे बेटियों के प्रति सम्मान बढ़ता है. पिछले 4 साल में यहां एक भी पुलिस केस दर्ज नहीं हुआ है, जिससे गांव की सुरक्षा और सामाजिक अनुशासन का साफ़ पता चलता है.
अवार्ड्स और अंतरराष्ट्रीय पहचान
थरौली गांव को मुख्यमंत्री सम्मान सहित 25 से ज्यादा अवार्ड मिल चुके हैं. इस गांव की विशेषता के चलते ब्राज़ील, तुर्की समेत कई देशों की टीमें भी यहां का दौरा कर चुकी हैं.