

सहारनपुर के रामपुर मनिहारान विधानसभा के गांव चकवाली ने एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है. जहां अन्य गांव सड़क व नालियों की समस्याओं में उलझे रहते हैं, वहीं चकवाली ने अपने पुराने खंडहर ग्राम पंचायत भवन की जगह दिल्ली के पुराने संसद भवन के आकार का आधुनिक ग्राम पंचायत भवन बनवाया. इसका उद्देश्य ग्रामीणों को संसद भवन की भव्यता और राष्ट्रभक्ति की भावना का अनुभव कराना है, ताकि उन्हें दूर दिल्ली जाकर संसद भवन देखने की जरूरत न पड़े. इस नए भवन में बच्चों के लिए पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, एस्ट्रोनॉमी लैब, एयर-कंडीशन लाइब्रेरी और सोलर प्लांट जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी हैं, जिससे यह आत्मनिर्भर भी बन जाएगा है.
पुराने खंडहर की जगह बना 'ग्राम संसद भवन'
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नकुल चौधरी ने बताया कि यह प्रयास गांव के हर व्यक्ति को लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सरकार की कार्यप्रणाली के करीब लाने के उद्देश्य से किया गया. भवन में कुल 246 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी हैं, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों के लिए अलग केबिन और बेंच की व्यवस्था भी की गई है. खास बात यह है कि इसमें देश की महान विभूतियों की फोटो गैलरी भी सजाई गई है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को प्रेरणा मिलती है.
दिल्ली जाने की जरूरत नहीं, गांव में ही महसूस होगी संसद की भव्यता
जिस तरीके से संसद में बैठकर राजनीतिक चर्चा की जाती है और फिर उसे पर निर्णय किया जाता है इसी तरह ग्राम पंचायत में भी बने सांसद भवन में गांव की समस्याओं को सुना जाता है और उसका समाधान इसी ग्राम संसद भवन से किया जाता है. जिसकी वजह से गांव के सभी लोग खुश नजर आते हैं और उनकी समस्या का समाधान गांव की ही ग्राम संसद भवन में हो जाता है.
बच्चों के लिए लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब से लेकर एस्ट्रोनॉमी सेंटर तक
जिलाधिकारी श्रीमान मनीष बंसल और सीडीओ सुमित महाजन के निर्देशन में इस परियोजना को अवार्ड भी प्राप्त हुआ, जिसके तहत 35 लाख रुपये की राशि भी प्राप्त हुई. इस राशि से एक अत्याधुनिक महिला लाइब्रेरी का निर्माण कार्य भी चल रहा है, जिसमें महिलाओं के लिए अध्ययन का विशेष प्रबंध किया जा रहा है. चकवाली ग्राम पंचायत की यह पहल यूपी में पहली ऐसी ग्राम पंचायत मानी जा रही है, जिसने पूरे क्षेत्र में एक नई सोच और दिशा दी है. लोग दूर-दूर से इसे देखने आते हैं और गांव के हर नागरिक को लोकतंत्र की मूल भावना से जोड़ने का यह कदम सराहनीय माना जा रहा है. यह परियोजना न केवल ग्राम विकास का प्रतीक बनी है, बल्कि ग्रामीण समाज में तकनीकी व आधुनिक प्रगति की दिशा में एक मिसाल भी प्रस्तुत कर रही है.
-राहुल कुमार की रिपोर्ट
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