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Representational Image उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में एक पालतू कुत्ते ने अपनी वफादारी की मिसाल पेश करते हुए तेंदुए के हमले से अपने मालिकों की जान बचाई. यह घटना सोमवार रात 8:00 बजे के करीब काफली गांव में हुई, जब त्रिलोक चंद्र पांडे के घर में तेंदुए का एक बच्चा घुस आया और रसोई में काम कर रही उनकी पत्नी कमला और 15 साल की बेटी पर हमला कर दिया.
वफादारी की मिसाल
इस खतरनाक स्थिति में पालतू कुत्ते जूली ने अद्भुत साहस दिखाते हुए तेंदुए के बच्चे से भिड़ने की हिम्मत दिखाई. जूली ने तेंदुए को बुरी तरह से काटना शुरू कर दिया और करीब 20 मिनट तक लड़ते हुए मां-बेटी की जान बचाई. इस दौरान तेंदुए का बच्चा घायल हो गया और रसोई के दरवाजे के बाहर रखे लोहे के भारी चूल्हे से टकराते हुए स्टैंड के बीच जा फंसा. इस दौरान, सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम छह महीने के बताए जा रहे तेंदुए के बच्चे को अपने साथ ले गई और जख्मी मां-बेटी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
मां बेटी को आई चोटें
बताया जा रहा है कि तेंदुए को देखकर दहशत में आई मां-बेटी भागने के दौरान गिर गई, जिससे उन्हें चोटें आई. मां के जबड़े में फ्रैक्चर जबकि बेटी को मामूली चोटें आने की बात सामने आई है. लेकिन पालतू कुत्ते जूली ने जिस तरह से अपने मालिकों की रक्षा की, उसकी चर्चा के साथ खूब तारीफ भी हो रही है. वन विभाग की टीम ने तेंदुए के बच्चे को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उसका इलाज शुरू किया है.
इस घटना ने एक बार फिर से इंसान और जानवरों के बीच के संघर्ष को उजागर किया है, जहां इंसानी दखल के कारण जानवर रिहाइशी इलाकों में घुसने को मजबूर हो जाते हैं. हालांकि, पालतू कुत्ते जूली की बहादुरी की चर्चा हो रही है. लोग उसकी वफादारी और साहस की सराहना कर रहे हैं. यह घटना एक बार फिर से साबित करती है कि कुत्ते वफादार और साहसी होते हैं, जो अपने मालिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.