
डेटिंग और रिश्तों की दुनिया में नए-नए ट्रेंड आते रहते हैं. इनमें से कई ट्रेंड रिश्तों को बिगाड़ने वाले साबित होते हैं. हाल ही में जिस ट्रेंड की चर्चा हो रही है, वह है ‘मंकी-बारिंग’ (Monkey-Barring). नाम भले ही हल्का-फुल्का लगे, लेकिन यह पैटर्न रिश्तों को गहरी चोट पहुंचा सकता है.
क्या है मंकी-बारिंग?
‘मंकी-बारिंग’ में कोई व्यक्ति अपने मौजूदा रिश्ते को खत्म करने से पहले ही नया रिश्ता तलाशने लगता है. जैसे बच्चे मंकी बार खेलते समय एक छड़ को छोड़ने से पहले दूसरी पकड़ लेते हैं. इसी तरह, इस पैटर्न में लोग तब तक पुराने रिश्ते को पकड़े रहते हैं, जब तक नया रिश्ता पक्का न हो जाए. विशेषज्ञ इसे धोखे और हेरफेर से भरा व्यवहार मानते हैं.
क्यों करते हैं लोग ऐसा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह ट्रेंड अक्सर अकेलेपन के डर और लगातार आश्वासन पाने की चाहत से पैदा होता है. सोशल मीडिया इसे बढ़ावा देता है. इससे बचने तके लिए पहला कदम है “इमोशनल रेजिलियंस (भावनात्मक मजबूती) बनना यानी अकेलेपन को सहना सीखना. डायरी लिखना, थेरेपी लेना या अकेले समय बिताना इसमें मदद करता है. जब किसी की पहचान सिर्फ रिश्ते पर आधारित न होकर दोस्ती, शौक और व्यक्तिगत लक्ष्यों से जुड़ी होती है, तो वह डर से किसी को पकड़कर नहीं बैठता.
ज्यादा हर्ट होते हैं लोग
अगर किसी को इस तरह से ‘रिप्लेस’ कर दिया जाए तो यह सामान्य ब्रेकअप से भी ज्यादा दर्द देता है, क्योंकि इसमें धोखे की परत जुड़ जाती है. इससे आत्मसम्मान घट सकता है, भरोसे की कमी हो सकती है और अगले रिश्तों में व्यक्ति ज्यादा सतर्क या असुरक्षित महसूस कर सकता है.
रिकवरी के लिए जरूरी है कि लोग समझें कि यह व्यवहार उनके साथी की कमजोरी है, उनकी नहीं. थेरेपी लेना, दोस्तों का सहारा लेना और खुद को दोष न देना इसमें मदद करता है. धीरे-धीरे सुरक्षित और ईमानदार रिश्तों में जुड़कर भरोसा दोबारा बनाया जा सकता है.
रिश्ते से निकलने के सही तरीके
किसी को बेवजह लंबे समय तक उलझाए रखने से अच्छा है कि सच्चाई बताकर रिश्ता खत्म किया जाए. यह दोनों के लिए कहीं ज्यादा सेहतमंद है.
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