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Birthday Cake History: जन्मदिन पर आखिर क्यों काटा जाता है केक, कहां से आया इसका कॉन्सेप्ट… जानें 

प्राचीन मिस्रवासियों ने हमें बर्थडे केक तो नहीं दिया लेकिन जन्मदिन मनाने का कॉन्सेप्ट जरूर दिया है. कहा जाता है कि क्योंकि हम हमेशा अपनी बर्थ डेट याद नहीं रख सकते इसके लिए एक दिन बना दिया गया, ताकि याद रखा जा सके.

Birthday Cake Birthday Cake
हाइलाइट्स
  • यूनानियों ने हमें केक और मोमबत्तियां दीं

  • जर्मन ने दिया मॉडर्न बर्थडे पार्टी का कॉन्सेप्ट 

हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं लेकिन हमें हमेशा अपनी बचपन की बर्थडे पार्टीज याद आती हैं. ढेर सारे दोस्त और सबने रंगीन टोपी पहनी हुई, इतना ही नहीं कई सारे गुब्बारे… ये सब आंखों के सामने आ जाता है. केक हर बर्थडे पार्टी का एक जरूरी हिस्सा होता है. जब हम केक नहीं काटते हैं तब जन्मदिन ही अधूरा लगता है. इसी तरह, बर्थडे केक मोमबत्तियों की रोशनी के बिना अधूरा होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हम बर्थडे पर केक क्यों काटते हैं? 

केक काटने के पीछे का इतिहास क्या है? 

हालांकि, प्राचीन मिस्रवासियों ने हमें बर्थडे केक तो नहीं दिया लेकिन जन्मदिन मनाने का कॉन्सेप्ट जरूर दिया है. कहा जाता है कि क्योंकि हम हमेशा अपनी बर्थ डेट याद नहीं रख सकते इसके लिए एक दिन बना दिया गया. प्राचीन मिस्रवासियों के मामले में, 'जन्म' दिवस का मतलब पृथ्वी पर किसी के जन्म का वास्तविक दिन नहीं था. इसका उपयोग फिरौन के राज्याभिषेक को एक देवता या देवी के रूप में चिह्नित करने के लिए किया जाता था.

यूनानियों ने हमें केक और मोमबत्तियां दीं

प्राचीन मिस्रवासियों से प्रेरित होकर, यूनानियों ने बाद में 'जन्मदिन' की परंपरा को अपनाया और केक इस चैप्टर में आया. केक चंद्रमा की देवी आर्टेमिस को एक पवित्र भेंट थी. केक का गोल आकार चंद्रमा से आता है, और इस पर मोमबत्तियां इस संकेत के रूप में जलाई गईं कि वे चंद्रमा पर चमक रही हैं. उस समय, ये केक पकी हुई रोटियों, बिस्कुट, पेस्ट्री और शहद से मीठे किए गए स्पंज का उपयोग करके बनाए जाते थे.

जर्मनों ने दिया मॉडर्न बर्थडे पार्टी का कॉन्सेप्ट 

मध्य युग के बाद से, जर्मन लोग क्रिसमस पेड़ों के साथ-साथ जन्मदिन केक के साथ ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते थे. जन्मदिन केक यीशु के जन्म का जश्न मनाने का एक पारंपरिक तरीका बनने के बाद, केक को आखिर में बच्चों के जन्मदिन में जोड़ा गया. जर्मन बच्चे के जन्मदिन की पार्टी को "किंडरफेस्ट" कहते थे.

जन्मदिन और मोमबत्तियों का लिंक

"किंडरफेस्ट" परंपरा के अनुसार, बच्चे को उनके जन्मदिन की सुबह एक केक मिलेगा, जो उनकी उम्र का प्रतिनिधित्व करने वाली मोमबत्तियों से जलाया जाएगा. साथ ही एक अलग से मोमबत्ती होगी जो ग्रह पर एक और पूरे साल के लिए आशा का प्रतीक जैसी होगी. 

जन्मदिन पर केक काटना बन गया एक ट्रेन्ड 

चूंकि पहले चीनी बहुत महंगी हुआ करती थी, इसलिए हर कोई जन्मदिन पर केक नहीं काटता था. लेकिन समय जैसे-जैसे बढ़ता गया आम जनता आसानी से केक में इस्तेमाल होने वाली चीनी और दूसरी सामग्री खरीदने लगी. 1600 के दशक के आखिर में जर्मनों और यूरोपीय लोगों के अमेरिका में गए, तो जन्मदिन में केक का ये कॉन्सेप्ट भी उनके साथ वहां गया. 1600 के दशक में उपनिवेशवाद के दौरान, जन्मदिन केक की परंपरा दुनिया के दूसरे हिस्सों, जैसे अफ्रीका और एशिया, में भी पहुंच गई. और तभी से दुनियाभर में केक के साथ जन्मदिन मनाने का चलन शुरू हुआ.