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Sawan 2025: सावन के महीने में मेहंदी क्यों लगाती है महिलाएं? क्या है आध्यात्मिक या वैज्ञानिक कारण

सावन के महीने में हरे रंग के कपड़े पहनने के साथ-साथ मेहंदी लगाना भी शुभ माना जाता है. आजकल तो महिलाएं इंस्टाग्राम, पिंटरेस्ट से खास शिव-पार्वती डिजाइन निकालकर मेहंदी लगवाती हैं.

Sawan Special Mehndi (YouTube Screenshot) Sawan Special Mehndi (YouTube Screenshot)

भारतीय संस्कृति में मेहंदी सिर्फ साज-श्रृंगार या कला नहीं बल्कि संस्कृति का हिस्सा है. भारत की महिलाएं खास मौकों जैसे शादी, त्योहार आदि पर हाथ और पैरों को मेहंदी से सजाती हैं. हिंदू धर्म में तो मेहंदी को बहुत से त्योहारों पर सुहागिनों के श्रृंगार का अहम हिस्सा माना जाता है. सिर्फ शादी ही नहीं बल्कि तीज, करवाचौथ जैसे त्योहार भी बिना मेहंदी लगाए पूरे नहीं होते. 

इसी तरह सावन के महीने में मेहंदी लगाने का अपना महत्व है. यह पूरा माह मां पार्वती और भोलेनाथ को समर्पित है. ऐसे में, हिंदू धर्म की महिलाएं मेहंदी लगाती हैं. सावन के महीने में हरे रंग के कपड़े पहनने के साथ-साथ मेहंदी लगाना भी शुभ माना जाता है. आजकल तो महिलाएं इंस्टाग्राम, पिंटरेस्ट से खास शिव-पार्वती डिजाइन निकालकर मेहंदी लगवाती हैं. 

क्यों लगाते हैं सावन में मेहंदी 

मेहंदी लगाने के कई कारण हो सकते हैं. बहुत से लोगों के लिए यह धार्म और आध्यात्म से जुड़ा है. मेहंदी सोलह श्रृंगारों में से एक है और सुहागिनें बिना मेहंदी लगाए व्रत-त्योहार नहीं करती हैं क्योंकि यह पति की लंबी उम्र, सौभाग्यऔर समृद्धि का प्रतीक है. माता पार्वती की पूजा में तो इसे सामग्री के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. 

Lord Shiva Mehandi Designs for Sawan

हालांकि, अगर मेहंदी लगाने की परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण देखें तो यह सेहत से जुड़ा है. जी हां, सावन के महीने में मौसम बदलने लगता है. यह बारिश का मौसम है. बारिश के मौसम में बहुत सी बीमारियां फैलती हैं और माना जाता है मेहंदी के गुण इंफेक्शन से बचाते हैं. 

इसके अलावा, मेहंदी की तासीर ठंडी होती है. यह शरीर की गर्मी को कम करके ठंडक देती है. हाथों और पैरों के तलवों में मेहंदी लगाने से शरीर की गर्मी कम होती है. इससे तबीयत खराब नहीं होती है. मेहंदी में कई औषधीय गुण हैं जैसे इसकी शीतलता तनाव, बुखार और सिरदर्द से निजात दिलाती है. मेहंदी स्किन के लिए भी अच्छी होती है. 

कब से शुरू हो रहा है सावन 

द्रिक पांचांग के हिसाब से, इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त हो रहा है. 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा और इसी के साथ सावन का समापन होगा. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा. सावन के सोमवार का व्रत रखना बहुत ज्यादा शुभ और पुण्य देने वाला माना गया है. 

द्रिक पंचांग के अनुसार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में 25 जुलाई से तथा नेपाल और उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में 16 जुलाई से यह पर्व मनाया जाएगा.