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Hibiscus Care Tips: सर्दियों में इस तरह करें गुड़हल के पौधे की देखभाल, लाल-लाल फूलों से लद जाएगी डालियां... गार्डेन की बढ़ेगी सुंदरता

ठंड के मौसम में कई लोगों की शिकायत होती है कि गुड़हल के पौधे में फूल आना बंद हो गए हैं, या कली तो निकलती है लेकिन सही से खिल नहीं पा रही और सूख जाती है. हालांकि, आपकी थोड़ी सी केयर से सर्दियों में भी यह पौधा फिर से फूल देने लगेगा.

Hibiscus Hibiscus
हाइलाइट्स
  • सर्दियों में भी उगेगा गुड़हल

  • इस तरह रखें ख्याल

  • बरतने सावधानी

सर्दियां शुरू होते ही ज्यादातर पौधों की ग्रोथ धीमी होने लगती है, लेकिन अगर देखभाल सही हो तो आपके घर में लगा गुड़हल के पौधे की डालियां ठंड में भी लाल-लाल फूलों से लदी रहेंगी. गुड़हल गर्म मौसम का पौधा है, इसलिए सर्दियों में इस पौधे का खास ध्यान रखना जरूरी है. गुड़हल का पौधा जितना सुंदर दिखता है, उतना ही नाजुक भी होता है. ठंडी हवा, कम धूप और ज्यादा नमी इसकी सेहत को खराब कर देती है. इसके साथ मिट्टी, पानी और खाद का सही बैलेंस बनाए रखना भी बहुत जरूरी है, वरना ज्यादा पानी से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं.

अगर आप चाहते हैं कि सर्दियों में गुड़हल के लाल-लाल फूलों से डालियां भर जाएं, तो आज से ही इसकी देखभाल करना शुरू कर दें.
पौधे को सुबह की धूप जरूर दें
जहां गर्मियों में गुड़हल के पौधे को कम से कम 3-4 घंटे की धूप चाहिए होती है, वहीं सर्दियों में धूप कम होने के कारण पौधे को ऐसी जगह रखें जहां 6-7 घंटे धूप आसानी से मिल सके.

ठंडी हवा से बचाकर रखें
सर्दियों में उत्तर दिशा से आने वाली ठंडी हवा पौधे को खराब कर सकती है. इन हवाओं में नमी ज्यादा होती है, जो पौधे को सुखा देती है. इसलिए पौधे को दीवार के पास या बालकनी में ऐसी जगह रखें जहां सीधी ठंडी हवा उसे न लगे.

पानी कम दें, लेकिन सही समय पर दें
ठंड में मिट्टी देर से सूखती है, इसलिए रोज़ पानी देने की जरूरत नहीं होती. जब मिट्टी ऊपर से 2-3 इंच तक सूखी लगे तभी पानी डालें. सुबह के समय पानी देना सबसे अच्छा माना जाता है.

महीने में एक बार तरल खाद दें
सर्दियों में गुड़हल के पौधे को ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती, लेकिन महीने में एक बार मिक्स लिक्विड फर्टिलाइजर या गोबर खाद का पतला घोल मिट्टी में दे सकते हैं. इससे पौधे को ताकत मिलती है और फूल जल्दी और अच्छे आते हैं. आप चाहें तो कोकोपीट में भी मिलाकर दे सकते हैं. कोकोपीट मिट्टी के लिए अच्छा होता है और आसानी से शहरी छेत्र में मिल भी जाता है. 

अंत में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है-

  • कली आने पर पौधे को बार-बार न हिलाएं, न कली को छुएं.
  • मिट्टी में पानी भरकर न रखें, जड़ें गल सकती हैं.
  • गमले में पानी जमा न होने दें.
  • सूखे पत्ते पौधे पर न छोड़ें, समय-समय पर साफ करते रहें.

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