भारत में अन्न की बर्बादी एक गंभीर समस्या है. संयुक्त राष्ट्र की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष 7.8 लाख करोड़ टन अन्न बर्बाद होता है. यह प्रति व्यक्ति 55 किलो अनाज प्रति वर्ष और 135 ग्राम प्रतिदिन की बर्बादी है. इस बर्बादी का आर्थिक मूल्य प्रति वर्ष 82,192 करोड़ रुपये है. एक किलो गेहूं पैदा करने में 495 से 613 लीटर पानी लगता है, जो अन्न बर्बादी के साथ पानी की भी बर्बादी दर्शाता है. पुणे के रेस्टोरेंट ने खाने की बर्बादी पर 20 रुपये का जुर्माना लगाने का कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना है. एक एनजीओ ने भी 200 रुपये की पेनल्टी लगाकर खाने की बर्बादी को 50-60 किलो से घटाकर 1 किलो से भी कम कर दिया है. यदि लोग अपनी आदतें बदलें और अन्न बर्बाद न करें, तो देश की तरक्की में बड़ा योगदान दे सकते हैं और हजारों लोगों को भोजन मिल सकता है.