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Masik Shivratri 2023: 17 या 18 मई किस दिन है ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि, जानिए सही तिथि और पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और दांपत्य जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं. जीवन में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

भगवान शिव और माता पार्वती भगवान शिव और माता पार्वती
हाइलाइट्स
  • भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सारे कष्ट हो जाते हैं दूर

  • शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना माना जाता है फलदायी

हिंदू धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन भक्त बाबा भोलेनाथ का व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं. पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष की चर्तुदशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस बार 17 मई 2023 को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. 

हर समस्या हो जाती है दूर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और दांपत्य जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं. जीवन में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. पुराणों के अनुसार मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना फलदायी माना जाता है.

बन रहा शुभ योग 
ज्येष्ठ मास में मासिक शिवरात्रि के दिन दो अत्यंत शुभ योग बन रहा है. इस दिन आयुष्मान योग और सौभाग्य योग बन रहा है. आयुष्मान योग रात्रि 09 बजकर 18 मिनट तक रहेगा और सौभाग्य योग 18 मई शाम 07 बजकर 37 मिनट तक रहेगा.

पूजा विधि 
1. मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा सुबह के समय की जाती है. सुबह सवेरे उठकर स्नान किया जाता है और स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना की जाती है. 
2. घर के मंदिर में दीपक प्रज्ज्वलित करने के अलावा शिव मंदिर भी भक्त जाते हैं.  
3. मंदिर जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है.  
4. शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. भक्त शिवरात्रि पर जल और दूध दोनों से ही अभिषेक करते हैं. 
5. पूजा सामग्री में अक्षत, फूल, फल, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा और धूप आदि सम्मिलित की जाती है. 
6. शिव मंत्रों का जाप किया जाता है. शिव आरती गाई जाती है. शिवरात्रि की कथा भी भक्त सुनते हैं.

शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं ये चीजें 
शिवलिंग पर कभी भी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाएं. शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखें कि पाश्चुरीकृत या पैकेट का दूध इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं. अभिषेक हमेशा ऐसे पात्र से करना चाहिए जो सोना, चांदी या कांसे का बना हो. अभिषेक के लिए कभी भी स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग ना करें.