Maha Kumbh 
 Maha Kumbh प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में स्वच्छता बनाए रखना एक महत्वपूर्ण चुनौती है, विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच. इस उद्देश्य से, सरकारी और निजी एजेंसियों द्वारा सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं.
मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 1.5 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है, जहां 1 करोड़ लीटर से अधिक cleaning solution का उपयोग किया गया है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने शौचालयों की सफाई में आधुनिक तकनीक को शामिल करने के लिए बैंगलोर विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया है.
बड़े पैमाने पर सफाई एजेंटों का उपयोग 
13 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने के बाद से ही सफाई बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर सफाई एजेंटों का उपयोग किया गया है. इसमें 3.5 लाख किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर, 75,600 लीटर फिनाइल और 41,000 किलोग्राम मैलाथियान शामिल हैं. अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में भाग लिया है.
विशेष अधिकारियों की एक टीम तैनात 
सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए विशेष अधिकारियों की एक टीम तैनात की गई है. बसवार प्लांट में प्रतिदिन लगभग 650 मीट्रिक टन कचरा निपटाया जा रहा है, जबकि गीले कचरे के प्रबंधन हेतु 350 सक्शन मशीनें लगाई गई हैं. संगम क्षेत्र में नदी प्रदूषण को रोकने के लिए तीन अस्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं, जो शहर के तीन स्थायी एसटीपी के साथ काम कर रहे हैं.
आधुनिक प्रणाली अपनाई जा रही है 
महाकुंभ में स्वच्छता बनाए रखने के इस अभियान की देखरेख के लिए चिकित्सा अधिकारी, पर्यवेक्षक और क्षेत्रीय प्रभारी तैनात किए गए हैं. स्वच्छता सेवाओं की नोडल अधिकारी आकांक्षा राणा के अनुसार, 70,827 लीटर सफाई एजेंट, 70,582 लीटर फिनाइल कंसन्ट्रेट, 3.53 लाख किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर, 1,675 किलोग्राम नेफ़थलीन बॉल्स और 39,812 किलोग्राम मैलाथियान धूल सफाई कर्मचारियों को वितरित की गई है.
महाकुंभ में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित और आधुनिक प्रणाली अपनाई गई है. सरकार और विभिन्न एजेंसियों के प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि श्रद्धालु स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में अपने आध्यात्मिक अनुभव को पूर्ण कर सकें.
(सिमर चावला की रिपोर्ट)