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Amarnath Yatra: 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा का आगाज, ट्रायल रन सफल... जानिए कैसी है सुरक्षा व्यवस्था

मॉक ड्रिल में लगभग 25 से 30 गाड़ियां शामिल थीं, जिनमें पुलिस, अर्धसैनिक बल, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की गाड़ियां शामिल थीं.

अमरनाथ यात्रा अमरनाथ यात्रा

3 जुलाई से शुरू हो रही विश्व प्रसिद्ध अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का ट्रायल रन किया गया. इस ट्रायल रन में यात्री बसों को पूरी सुरक्षा के साथ बेस कैंप से रवाना किया गया. हालांकि, इस बस में कोई यात्री सवार नहीं था. जम्मू से लेकर उधमपुर और रामबन से बनिहाल तक सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासनिक अमला चौंकन्ना नजर आया. 

सुरक्षा एजेंसियों ने मॉक ड्रिल के जरिए यात्रा से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की. इस मॉक ड्रिल में लगभग 25 से 30 गाड़ियां शामिल थीं, जिनमें पुलिस, अर्धसैनिक बल, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की गाड़ियां शामिल थीं. उच्च अधिकारी भी इस यात्रा के साथ गए और यात्रा की तैयारियों को देखा.

अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. इस बार पवित्र गुफा में सात फीट के पवित्र हिमलिंग का निर्माण हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं में विशेष उत्सुकता है. माना जा रहा है कि बड़ी तादाद में लोग इस बार अमरनाथ गुफा पहुंच सकते हैं।

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हाई-टेक सुरक्षा पर फोकस 

इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. लेफ्टन गवर्नर मनोज सिन्हा ने बताया, "प्रशासन और श्राइन बोर्ड ने मिलकर सुरक्षा के बहुत ही चाक चौबंद इंतजाम किए हैं." इस साल तकरीबन 700 हाई डेफिनिशन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कैमरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जा रहा है. बालटाल और पहलगाम दोनों रास्तों पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. 

महिला कमांडोज की तैनाती

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में इस बार महिला कमांडोज को भी तैनात किया जा रहा है. जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया, "अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी महिला यात्री को किसी भी तरीके की दिक्कत ना हो इसके लिए बड़े स्तर पर सीआरपीएफ की महिला कमांडोज को यहां पर तैनात किया गया है." महिला कमांडोज को पूरी तैयारी के साथ तैनात किया गया है और उन्हें कई महीनों तक ट्रेनिंग दी गई है. 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई

पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस तीर्थ यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां और ज्यादा चौकसी बरत रही हैं. इस यात्रा के दौरान सीएपीएफ की कुल 581 कंपनियों को तैनात किया गया है, जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान शामिल हैं.

बुलेटप्रूफ गाड़ियों का उपयोग

अमरनाथ यात्रा रूट पर सुरक्षा में किसी भी तरीके की चूक ना हो इसके लिए बुलेटप्रूफ गाड़ियों का उपयोग किया जा रहा है. ये अलग अलग स्थानों पर तैनात किया जा रहा है ताकि किसी भी तरीके से सुरक्षा में चूक ना हो. ये गाड़ियां पूरी तरीके से बुलेटप्रूफ हैं और इनमें 360 डिग्री कैमरा भी लगा हुआ है. 

अमरनाथ यात्रा के पूरे रूट पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है. जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया, "ड्रोन पूरी तरीके से 360 डिग्री चारों तरफ निगरानी रख रहा है." सुरक्षा बलों की तरफ से बड़े स्तर पर तैयारी की गई है ताकि किसी भी तरीके की चूक ना हो. 

श्रद्धालुओं की सुविधा

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने कई इंतजाम किए हैं. इस बार तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे और कई जगहों पर आरएफआईडी काउंटर बनाए गए हैं. इसके अलावा, सरकारी बसों का भी इंतजाम किया गया है. जम्मू इलाके में एक बार में 50,000 तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. 

आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी. उम्मीद है कि इस बार यात्रियों की संख्या के मामले में नए रिकॉर्ड्स बनें.