Union Home Minister will lay the foundation stone on August 8
Union Home Minister will lay the foundation stone on August 8 अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के बाद अब माता सीता के जन्मस्थल पुनौराधाम में एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है. बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित इस पवित्र तीर्थ स्थल पर 67 एकड़ में फैले भव्य माता सीता मंदिर परिसर के निर्माण की आधारशिला 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रखी जाएगी.
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी भी भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लेंगे. दिव्य वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच यह ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह संपन्न होगा. पुनौराधाम को माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है और यह स्थान हिन्दू सनातन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र तीर्थ है. अयोध्या में राम मंदिर के बाद, अब पुनौराधाम में माता सीता का भव्य मंदिर भारत की आध्यात्मिक विरासत को और भी समृद्ध करने जा रहा है.
11 महीने में बनकर तैयार होगा 67 एकड़ में फैला भव्य मंदिर परिसर
परियोजना की गति युद्ध स्तर पर रखी गई है. पर्यटन विभाग द्वारा हर स्तर पर टेंडर जारी कर निर्माण कार्य आरंभ किया जा चुका है. इस भव्य मंदिर परिसर का निर्माण महज 42 सप्ताह यानी लगभग 11 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
882 करोड़ की परियोजना
मंदिर परिसर की संरचना और पर्यटन सुविधाओं के विकास पर कुल अनुमानित लागत 882 करोड़ 87 लाख रुपये होगी. जिसमें सिर्फ मंदिर संरचना पर 137 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इसकी निगरानी की जिम्मेदारी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को दी गई है.
इन सुविधाओं से सुसज्जित होगा परिसर
इस ऐतिहासिक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए कई आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:
पुनौराधाम: एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
पुनौराधाम न केवल एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था की परंपरा का जीता-जागता प्रतीक है. माता सीता के जीवन से जुड़ी कथाओं और ऐतिहासिक तथ्यों को यहां संग्रहालय और प्रदर्शनी के माध्यम से जीवंत किया जाएगा.
8 अगस्त का दिन बिहार के इतिहास में एक सुनहरे अध्याय की शुरुआत के रूप में दर्ज होगा. जब पावन मंत्रोच्चारण और भव्य आयोजन के साथ पुनौराधाम में माता सीता मंदिर परिसर की आधारशिला रखी जाएगी. यह न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि बिहार के पर्यटन और सांस्कृतिक विकास की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा.
(रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट)
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