Ram Mandir
Ram Mandir प्रभु राम के भक्त साल 2025 के नवंबर की 25 तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जी हां, इसी दिन आयोध्या स्थित राम मंदिर (Ram Mandir) के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया जाएगा. विवाह पंचमी भी इसी दिन है. ध्वजारोहरण (Dhwajarohan) कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) तक शिरकत करेंगे. आइए जानते हैं क्यों किसी मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहरण किया जाता है और रामलला के मंदिर पर फहराए जाने वाले धर्म ध्वज की खासियत क्या है?
क्यों फहराया जाता मंदिर के शिखर पर ध्वज?
मंदिरों के शिखर पर ध्वज फहराने की परंपरा बहुत पुरानी है. हिंदू धर्म में इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. गरुड़ पुराण के मुताबिक मंदिर के शिखर पर फहरता हुआ ध्वज देवी-देवताओं की उपस्थिति और दिव्य संरक्षण का प्रतीक होता है. यह ध्वज भक्तों को दूर से ही यह संदेश देता है कि यह स्थान दिव्यता से भरपूर है.
रामायण और रामचरितमानस में भी ध्वज, पताका व स्वागत द्वार का विशेष वर्णन मिलता है. मंदिर का शिखर उस जगह का सबसे ऊंचा बिंदु होता है, जहां से ब्रह्मांडीय ऊर्जा सबसे पहले प्रवेश करती है. ध्वज इस दिव्य शक्ति और गर्भगृह में मौजूद ईश्वर की ऊर्जा के बीच एक माध्यम की तरह कार्य करता है. यही कारण है कि शिखर पर लगा ध्वज लगातार लहराते हुए पूरे परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. किसी भी मंदिर पर ध्वज फहरना यह दर्शाता है कि उसका निर्माण अब पूर्ण हो चुका है.
राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाले धर्म ध्वज की खासियत
1. अयोध्या स्थित राम मंदिर के सर्वोच्च शिखर पर 25 नवंबर 2025 को धर्म ध्वज फहराया जाएगा. 191 फीट की ऊंचाई पर यह ध्वज लहराएगा.
2. यह ध्वजारोहण सिर्फ प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा का प्रतीक ही नहीं, बल्कि अयोध्या की सूर्यवंशीय और रघुकुल परंपरा का गौरवपूर्ण स्मरण भी है.
3. राम मंदिर पर फहराया जाने वाला ध्वज मौसम की मार से प्रभावित नहीं होगा.
4. यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा होगा. इसका वजन करीब ढाई किलो का होगा.
5. राम मंदिर के शिखर पर लगाए जाने वाले ध्वज का रंग केसरिया होगा. केसरिया रंग को हिंदू धर्म में त्याग, तप और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
6. इस ध्वज पर तीन प्रतीक ॐ, सूर्य और कोविदार वृक्ष होंगे.
7. ध्वज पर विराजमान सूर्य भगवान राम की सूर्यवंशीय परंपरा का प्रतीक हैं.
8. कोविदार वृक्ष का जिक्र वाल्मीकि रामायण में मिलता है.
9. राम मंदिर के शिखर पर जो ध्वज फहराया जाना है उसमें एक चक्र भी लगाया गया है.
10. राम मंदिर परिसर के सातों मंदिरों के ध्वज त्रिकोणीय होंगे और उन पर सिर्फ 'ओम'का चिह्न होगा और वे मुख्य मंदिर के ध्वज से छोटे होंगे.
11. राम मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाने के लिए एक पाइप भी लगाया गया है.