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Ayodhya Ram Mandir: दिव्य शालिग्राम शिलाओं से ऐसे बनाई जाएगी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की प्रतिमा, जानें किसे मिली है मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी

Ayodhya Ram Mandir: शालिग्राम शिलाओं से ही भगवान राम की प्रतिमा गढ़ी जानी है. जिसे लेकर मंदिर समिति की एक अहम बैठक हुई है. रामलला की मूर्ति कैसी हो, उसका आकार कैसा हो इसे लेकर जो बैठक हुई है उसमें जाने माने चित्रकार वासुदेव कामथ भी शामिल हुए हैं.

प्रतिमा बालस्वरूप बनाई जा रही है प्रतिमा बालस्वरूप बनाई जा रही है
हाइलाइट्स
  • वासुदेव कामथ को मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी 

  • प्रतिमा बालस्वरूप बनाई जा रही है

नेपाल से लाई जा रही दिव्य शालिग्राम शिलाओं की यात्रा जारी है. ये रामनगरी अयोध्या जाकर पूरी होगी. ये वहीं शिलाएं हैं जिनसे भगवान राम की भव्य, दिव्य और अलौकिक मूर्ति बनाई जाएगी. तय कार्यक्रम के मुताबिक इन शिलाओं को 2 फरवरी यानी गुरुवार को अयोध्या पहुंचना है. असल में राम मंदिर बनाने के लिए जिन दिव्य शिलाओं को चुना गया है वो करोड़ों साल पुरानी हैं. इसी वजह से इन्हीं शिलाओं को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की प्रतिमा गढ़ने के लिए चुना गया है. बताते चलें कि शालिग्राम की शिलाओ को देवशिला भी कहा जाता है.

कैसे बनाई जाएगी रामलला की मूर्तियां?

दरअसल शालिग्राम शिलाओं से ही भगवान राम की प्रतिमा गढ़ी जानी है. जिसे लेकर मंदिर समिति की एक अहम बैठक हुई है. रामलला की मूर्ति कैसी हो, उसका आकार कैसा हो इसे लेकर जो बैठक हुई है उसमें जाने माने चित्रकार वासुदेव कामथ भी शामिल हुए हैं. बैठक में रामलला की प्रतिमा के स्केच पर जानकारों ने कई घंटों तक मंथन किया है और जिन सुझावों की बात बैठक में हुई है इस पर भी मंथन किया गया है. रामलला की मूर्तियों को तुलसीदास के बताए राम सौंदर्य के अनुरूप ढलने की तैयारी है. मतलब प्रभु राम का जैसा जिक्र रामचरित मानस में किया गया है, मूर्ति को वैसा ही बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

प्रतिमा बालस्वरूप बनाई जा रही है

जाहिर है कि राम मंदिर प्रभु राम के जन्म तीर्थ है, लिहाजा गर्भगृह में स्थापित रामलला की प्रतिमा बालस्वरूप बनाई जा रही है. भव्य राम मंदिर में सबसे आकर्षण का केंद्र प्रभु राम की मूर्तियां होने वाली हैं. लिहाजा इस पर मंथन के लिए विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया गया है. मूर्ति बनाने वाले पैनल के मुताबिक प्रभु राम की प्रतिमा ऐसी होगी जिसके भाव दूर से स्पष्ट नजर आएंगे. रामलला की प्रतिमा के मुख पर बाल सुलभ कोमलता की झलक भी दिखाई देगी, जिसका जिक्र मानस में तुलसीदास ने किया है. 

वासुदेव कामथ को मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी 

जाने माने चित्रकार वासुदेव कामथ को मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. वासुदेव कामथ चित्रकारी की दुनिया में जाने माने नाम माने जाते हैं. मूर्ति बनाने में शिल्पकार रामवन सुथार की भी भूमिका अहम होने जा रही है. राम सुथार ही वो शिल्पकार हैं जिन्होने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को आकार देने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. सबसे खास बात ये होगी कि रामलला की प्रतिमा और मंदिर के वास्तु में समन्वय बनाया जाएगा. मतलब मूर्ति की ऊंचाई इस तरह तय की जा रही है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला के माथे पर पड़ें.

(रोहित सिंह की रिपोर्ट)