Ram Temple (Photo/PTI)
Ram Temple (Photo/PTI) राम की नगरी अयोध्या में 25 नवंबर को मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण होगा. इसके साथ ही मंदिर के निर्माण कार्य समाप्त हो जाएगा. भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी. मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज खास है. इस ध्वज को भगवान राम की सूर्यवंशी परंपरा के मुताबिक तैयार किया गया है.
विशेष होगा श्रीराम का धर्म ध्वज-
राम मंदिर के मुख्य शिखर पर फहराया जाने वाला श्रीराम धर्म ध्वज भी विशेष है. जिसे शास्त्रों और भगवान राम की सूर्यवंशी परंपरा के अनुरूप तैयार किया गया है. ध्वज का रंग केसरिया होगा. इस पर सूर्य देव का प्रतीक चिह्न अंकित होगा, जो भगवान राम के सूर्यवंशी होने की शाश्वत ऊर्जा और महिमा का प्रतिनिधित्व करता है. इसके अलावा धर्म ध्वज पर कोविदर वृक्ष और ओम भी अंकित होगा.
ऐतिहासिक होगा धर्म ध्वज-
धर्म ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी. भगवा रंग का यह विशेष झंडा 42 फीट लंबे खंभे पर 360 डिग्री घूमने वाली व्यवस्था के साथ फहराया जाएगा. ये देश में पहली बार होगा, जब किसी मंदिर के शिखर पर 191 फीट की ऊंचाई पर ध्वज फहराया जाएगा. यह न केवल धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि भारत की संस्कृति और आस्था का गौरव प्रतीक भी बनेगा.
परिसर में श्रद्धालुओं को होगा सौंदर्य का अनुभव-
श्रीराम मंदिर परिसर में हरियाली विकसित करने और वृक्षारोपण के लिए विशेष योजना तैयार की गई है. मंदिर के चारों ओर सुंदर उद्यान, जलाशय और पथ बनाए जा रहे हैं, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को शांति और सौंदर्य का अनुभव हो सके.
इसके अलावे सप्त मंडप में लोअर प्लिंथ में रामायण से जुड़े 3D म्यूरल्स लगाए गए हैं. ये म्यूरल्स रामायण की विभिन्न घटनाओं जैसे श्रीराम का वनगमन, सीता स्वयंवर, लंका विजय और रामराज्य की स्थापना को दर्शाएंगे. मंदिर के परकोटे में भी भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा पर आधारित करीब 80 म्यूरल्स लगाए गए हैं.
श्रीराम की कहानी बयां कर रही हर एक चीज-
इस मंदिर में सिर्फ भगवान की मूर्तियां ही नहीं बनाई गई हैं, बल्कि मंदिर का एक-एक दीवार, हर एक चित्रकारी, प्रभु श्रीराम की कहानी बयां करता है. यहां पर तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का भी खासा ध्यान रखा गया है. यात्रियों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं बनाई गई हैं. रामलला के ध्वजारोहण का साक्षी बनने के लिए अयोध्या तैयार है और सभी को अब उस पल का इंतजार है.
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