हनुमान जयंती हिंदुओं का काफी प्रमुख त्योहार है, जो हर साल बजरंग बली के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाता है. माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था. इस दिन विशेष पूजा उपासना करके आप अपनी कई समस्याओं का अंत कर, मनचाहा फल पा सकते हैं. क्योंकि सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा से की गई उपासना आपको कई विपदाओं के अंधियारे से बाहर निकाल सकती है.
क्या है हनुमान जयंती का महत्व?
माना जाता है हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था. कुछ लोग मानते हैं कि इनका अवतरण छोटी दीपावली को हुआ था.
हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा उपासना करने का प्रावधान है. पूजा उपासना से हम जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं. इस दिन विशेष प्रयोग करके ग्रहों को भी शांत किया जा सकता है. शिक्षा, विवाह के मामले में सफलता और कर्ज-मुकदमे से मुक्ति के लिए ये दिन अति विशेष है. इस बार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को है.
अभी भी धरती पर विराजमान हैं हनुमान
माना जाता है कि कलियुग में हनुमान जी ही ऐसे देवता है जो धरती पर विराजमान होकर भक्तों का उद्धार करते हैं. राम भक्त हनुमान की महिमा का कोई सानी नहीं. उनकी शक्ति का कोई पैमाना नहीं. दुख और मुसीबत की घड़ी में महाबली हनुमान का ध्यान हर समस्या का समाधान कर सकता है. राम दुलारे के द्वारे से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता, तो बजरंगबली की कृपा पाने के लिए हनुमान जयंती पर विधि विधान से कैसे करनी है आपकी पूजा उपासना.
कैसे करें हनुमान जी की पूजा?
हनुमान जी की पूजा अभिजित मुहूर्त में करें. उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा रखें. हनुमान जी के साथ, श्री राम जी के चित्र की स्थापना करें. हनुमान जी को लाल और राम जी को पीले फूल अर्पित करें. लड्डुओं के साथ-साथ तुलसी दल भी अर्पित करें. पहले श्री राम के मंत्र ऊं राम रामाय नमः का जाप करें. फिर हनुमान जी के मंत्र ऊं हं हनुमते नमः का जाप करें.
हनुमान जी की विशेष कृपा पाने का महाउपाय
दोपहर में हनुमान जी की उपासना करें. उन्हें लड्डूओं और तुलसी दल का भोग लगाएं. पहले श्रीराम स्तुति करें, या राम मंत्र का जाप करें. इसके बार 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
स्वास्थ्य रक्षा के लिए ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी का वो चित्र स्थापित करें जिसमें वो संजीवनी बूटी लिए हुए हों, हनुमान जी के सामने घी का दीपक जलाएं. हनुमान जी को खीर और तुलसी दल का भोग लगाएं. स्वास्थ्य रक्षा के लिए प्राथर्ना करें.
विद्या-बुद्धि के लिए
हनुमान जी के उस स्वरूप को स्थापित करें जिसमे वो रामायण पढ़ रहे हों. हनुमानजी के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाएं. हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं. शिक्षा, विद्या-बुद्धि प्राप्ति की प्रार्थना करें.