
वृंदावन से श्री बांकेबिहारी के भक्तों के लिए एक अच्छी खबर आई है. बांकेबिहारी मंदिर के आसपास प्रशासन ने कॉरिडोर बनाने के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया है. यह कॉरिडोर करीब 5.5 एकड़ में बनेगा, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कई बेहतरीन सुविधाएं मिलेंगी. इससे बांकेबिहारी के दर्शन आसानी से हो पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद कॉरिडोर के काम में तेजी आई है.
प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा और पुनर्वास
कॉरिडोर के निर्माण के लिए जितनी दुकानें और घर लिए जाएंगे, उन्हें प्रशासन फ्लैट और मुआवजा भी देगा. जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम मंदिर के आसपास सर्वे का काम कर रही है. मकानों और दुकानों की लम्बाई चौड़ाई मापी जा रही है और निशान लगाए जा रहे हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक, सरकार ने बांकेबिहारी कॉरिडोर परियोजना से प्रभावित परिवारों को मथुरा वृंदावन क्षेत्र के रूकमणि विहार और सुनरख बांगर इलाकों में बसाने का फैसला कर चुकी है.
मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
बृजशैली की वास्तुकला में बन रहा बांकेबिहारी कॉरिडोर करीब 5.5 एकड़ में फैला होगा. इसमें चार मंजिला यात्री सुविधा केंद्र होगा. कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं सुनिश्चित होंगी, जिनमें शुद्ध पेय जल, स्वच्छ शौचालय, विश्राम स्थल, चिकित्सा केंद्र और लाकर जैसे इंतजाम शामिल हैं. यहां प्रतीक्षा केंद्र, दुकानों और फूड कोर्ट की भी व्यवस्था होगी.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक सिक्योरिटी, एक्सेस कंट्रोल, सीसीटीवी, इंटिग्रेटेड कंट्रोल रूम और आपातकालीन निकास सुविधाएं विकसित होंगी. एक साथ करीब 10,000 श्रद्धालु दर्शन करेंगे. इससे बिना किसी रुकावट या तकलीफ के श्रद्धालु अपने आराध्य श्री बांके बिहारी का दर्शन कर सकेंगे.
टुरिज्म और बिजनेस को बढ़ावा
सरकार का दावा है कि कॉरिडोर से भक्तों को न सिर्फ बेहतर अनुभव मिलेगा बल्कि श्रद्धा और संरचना का अनूठा संगम भी दिखेगा. अनुमान है कि इस कॉरिडोर से पर्यटन में चार गुना बढ़ोत्तरी होगी और स्थानीय व्यापार को गति मिलेगी. कॉरिडोर पर करीब 3000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसमें सबसे ज्यादा ज़ोर 1800 करोड़ की लागत से NH44 को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने का है. इसके लिए छह लेन वृंदावन बाईपास विकसित किया जाएगा. यह मथुरा के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पार्किंग क्षेत्र से पैदल या इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से एलिवेटेड रोड और सिग्नेचर ब्रिज के जरिए सीधे बांकेबिहारी कॉरिडोर तक पहुंचा देगा.
(मदन गोपाल शर्मा की रिपोर्ट)