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614 साल बाद निकाली गई भद्रकाली माता की नगर यात्रा, अहमदाबाद शहर की हैं देवी

अहमदाबाद की नगर देवी भद्रकाली माता की नगर यात्रा ने 6 किलोमीटर के एरिया को कवर किया. 1500 पुलिसकर्मी इस यात्रा के दौरान सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे.

Bhadrakali Mata On a Nagar Yatra after 614 years Bhadrakali Mata On a Nagar Yatra after 614 years

अहमदाबाद के स्थापना दिवस के मौके पर शहर को नगर देवी भद्रकाली माता की नगर यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में भद्रकाली माता की फोटो रथ पर सवार करवाकर गजराज, अखाड़ा, ढोल नगाड़ा, भजन मंडली समेत भक्तों की मौजूदगी में निकाली गई. भद्रकाली माता की इस नगर यात्रा की बात करें तो यह विशेष है क्योंकि 614 सालों में पहली बार भद्रकाली माता की नगर यात्रा शहर में निकाली गई है.

पहली बार निकाली गई नगर यात्रा 
अहमदाबाद की नगर देवी भद्रकाली माता की नगर यात्रा ने 6 किलोमीटर के एरिया को कवर किया. 1500 पुलिसकर्मी इस यात्रा के दौरान सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे. भद्रकाली माता की 614 साल बाद पहली बार निकाली गई इस यात्रा को शहर की मेयर प्रतिभा जैन ने प्रस्थान कराया. साथ में राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, स्थानीय सांसद, विधायक और अहमदाबाद नगर निगम के पदाधिकारी मौजूद रहे. सुबह 7:30 मिनट पर निकली यह भव्य मगर यात्रा दोपहर 1:45 पर पूर्ण हुई. इस दौरान बीच में कई पड़ावों पर भद्रकाली माता की आरती और स्वागत भी किया गया. 

यह भी है परंपरा 
अहमदाबाद में स्थित भद्रकाली माता के इस मंदिर की बात करें तो इसका विशेष महत्व है. दीवाली के बाद गुजराती नववर्ष शुरू होता जिसे बेसता वर्ष कहते है. इस दिन गुजरात के मुख्यमंत्री भद्रकाली मंदिर हर साल आते है और भद्रकाली माता के आशीर्वाद प्राप्त करके शहरीजनों की सुख शांति के लिए प्रार्थना करते है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साल 2014 तक बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री नए साल के पहले दिन भद्रकाली माता के मंदिर आते थे और माता के आशीर्वाद ग्रहण करते थे.

बता दें कि अहमदाबाद शहर में भद्रकाली माता के मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है. कहा जाता है कि अहमदाबाद पहले कर्णावती नाम से पहचाना जाता था. कर्णावती को राजा कर्णदेव ने बसाया था. राजा कर्णदेव ने भद्रकाली माता की स्थापना की थी. 614 साल पहले भद्रकाली माता की नगर यात्रा शहर में निकाली जाती थी. लेकिन मुगलकाल के बाद से यह यात्रा बंद हुई जिसे एक बार फिर 614 साल बाद शुरू किया गया है.