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Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा का समापन, Baba Kedarnath, Gangotri और Yamunotri धाम के कपाट बंद, जानें अब श्रद्धालु कब कर सकते हैं दर्शन 

Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा का समापन हो गया है. बाबा केदारनाथ, मां गंगा और मां यमुना अपने शीतकालीन प्रवास पर रवाना हो गई हैं. इस साल चारधाम यात्रा में कुल 50,00,000 श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो एक रिकॉर्ड है.

Kedarnath Dham (Photo: PTI) Kedarnath Dham (Photo: PTI)

चारधाम यात्रा भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है, इस साल रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के साथ संपन्न हुई. भाई दूज और दीपावली के महापर्व के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हुआ. इस यात्रा में देशभर से लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे.

बाबा केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास की शुरुआत
केदारनाथ धाम के कपाट भाई दूज के शुभ अवसर पर बंद कर दिए गए. 23 अक्टूबर की सुबह 4:30 बजे विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना किया गया. इस साल केदारनाथ यात्रा में 17,50,000 श्रद्धालु पहुंचे, जो एक नया रिकॉर्ड है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट बंद होने की प्रक्रिया में भाग लिया. बाबा केदार की डोली तीन दिनों में 55 किलोमीटर का सफर तय कर ऊखीमठ पहुंचेगी. अगले छह महीने तक श्रद्धालु बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर में कर सकेंगे.

मां गंगा और यमुना का शीतकालीन प्रवास
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. मां गंगा की उत्सव डोली मुखवा गांव, जो उनका मायका माना जाता है के लिए रवाना हुई. वहीं, मां यमुना की डोली खरसाली गांव के लिए प्रस्थान कर चुकी है. 22 अक्टूबर 2025 को गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर बंद किए गए. मां यमुना के कपाट भाई दूज के दिन 24 अक्टूबर को बंद हुए. इस साल गंगोत्री में 7,50,000 और यमुनोत्री में 6,50,000 श्रद्धालु पहुंचे.

चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु
इस साल चारधाम यात्रा में कुल 50,00,000 श्रद्धालु पहुंचे, जो 2013 की त्रासदी के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है. खराब मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था.

भविष्य की तैयारियां
उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए. अगले साल यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए काम जारी है. चारधाम यात्रा के समापन के साथ ही अब शीतकालीन प्रवास की शुरुआत हो चुकी है. छह महीने बाद जब कपाट फिर से खुलेंगे, तो श्रद्धालु एक बार फिर बाबा केदार और मां गंगा-यमुना के दर्शन कर सकेंगे.