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Chardham Yatra: अक्षय तृतीया पर गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, तीर्थयात्री पहुंचे देवभूमि

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इस मौके पर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया है.

Chardham Yatra Chardham Yatra

अक्षय तृतीया के पावन मौके पर चार धाम यात्रा का आज से शुभारंभ हो गया है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इस मौके पर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया है.

गंगोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित है और गंगा नदी का उदगम स्थल है. पौराणिक कथा के अनुसार, राजा भगीरथ ने अपनी तपस्या से गंगा को धरती पर लाने के लिए भगवान शिव को प्रसन्न किया था. गंगोत्री धाम सनातन संस्कृति मानने वाले लोगों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है. 

यमुनोत्री धाम से यमुना नदी का उदगम होता है और इसे चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव माना जाता है. यमुनोत्री में स्नान करने से भय से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि यमुना जी मृत्यु के देवता यमराज और शनिदेव की बहन हैं, इसलिए यहां पूजा करने से यम की यातना से मुक्ति मिलती है. 

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श्रद्धालुओं का उत्साह
श्रद्धालुओं का उत्साह इस मौके पर चरम पर पहुंच गया है. हरिद्वार में महामाया देवी की पूजा अर्चना के बाद चार धाम यात्रा के पहले जत्थे के यात्रियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, 'मन में बाबा विशाला के लिए अपने प्रेम जाग रहा है, बद्री विशाला का दर्शन करना है, गंगा मैया का दर्शन करना है, यमुनोत्री मां का दर्शन करना है और बाबा केदार के दर्शन करना है.'

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है. यह यात्रा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव कराने वाली देश की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति चार धाम यात्रा करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.