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Chaturmas: चातुर्मास के 4 महीने क्यों हैं खास, जानिए सावन से लेकर भाद्रपद तक का क्या है महत्व

Chaturmas 2022: चातुर्मास की शुरुआत हो रही है. अब सारे शुभ काम बंद हो गये हैं. क्योंकि देवशयनी एकादशी से श्रीहरि योनिद्रा में चले जाएंगे. लेकिन चातुर्मास के इन 4 महीनों में आपकी कई मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं.

चातुर्मास के 4 महीने बेहद खास हैं चातुर्मास के 4 महीने बेहद खास हैं
हाइलाइट्स
  • चातुर्मास के 4 महीने बेहद खास होते हैं

  • सावन में होती है भगवान शिव की विशेष कृपा

देवशयनी एकादशी से श्रीहरि योग निद्रा में लीन हो जाते हैं. देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक भगवान श्री हरि चार महीने विश्राम करते हैं. इसीलिए इन 4 महीनों में कोई भी शुभ काम नहीं होंते हैं. 

चतुर्मास की गणना-
देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास होता है. चलिए आपको बताते हैं कि इसमें कौन-कौन से चार महीने आते हैं.

  • पहला माह: आषाढ़ शुक्ल एकादशी से श्रावण शुक्ल एकादशी
  • दूसरा माह: श्रावण शुक्ल एकादशी से भाद्रपद शुक्ल एकादशी
  • तीसरा माह: भाद्रपद शुक्ल एकादशी से अश्विन शुक्ल एकादशी
  • चौथा माह: अश्विन शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी

बेहद खास हैं चार महीने-
क्या आप जानते हैं कि ये 4 महीने बेहद खास हैं. ज्योतिषी मानते हैं कि चातुर्मास में भले ही शुभ कामों की मनाही हो. लेकिन पूजा उपासना और कुछ खास प्रयोंगों से काम बनाए जा सकते हैं. तो चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं क्यों खास है चातुर्मास. 

  • हरिशयनी एकादशी से भौतिक जीवन के कार्य बन्द हो जाते हैं 
  • ये प्रतिबन्ध चार महीनों तक रहता है, इनको चातुर्मास कहा जाता है 
  • लेकिन इन चार महीनों में भौतिक जीवन की तमाम इच्छाएं पूरी की जा सकती हैं 
  • ये चार महीने हैं सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक 
  • इन चार महीनों में चार देवी-देवताओं की विशेष कृपा मिलती है 
  • जिसके कारण हम अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर पाते हैं
  • इस बार चातुर्मास 10 जुलाई से 04 नवंबर तक रहेगा

चातुर्मास का पहला महीना सावन-
चातुर्मास का पहला महीना सावन है और इस महीने में देवाधिदेव महादेव की कृपा रहती है. सावन के महीने में शिव आराधना और उनकी उपासना से हर मनोकामना पूरी हो सकती है. तो चलिए आपको चातुर्मास के पहले महीने यानि सावन के बारे में बताते हैं.

सावन में पूरी होंगी मनोकाकामनाएं-
ये भगवान शिव का महीना है. सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक रहेगा. इसमें वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर की जा सकती हैं. इसके अलावा आयु और स्वास्थ्य की समस्याओं का निवारण भी होता है. इसी महीने में तमाम ग्रह बाधा और ग्रह दोषों को भी दूर कर सकते हैं.

भगवान शिव की होती है विशेष कृपा-
सावन के पावन महीने में भगवान शंकर की विशेष कृपा भक्तों पर रहती है. मान्यता है कि सावन में भगवान शंकर का पूजन करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. भगवान शिव को सावन का महीना सबसे प्रिय है. सावन महीने में मुख्य रूप से शिवलिंग की पूजा का विधान है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है. श्रावण माह से ही भगवान शिव की कृपा के लिए सोलह सोमवार के उपवास आरंभ किए जाते हैं. इस  महीने में शिव की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है. सावन में भोलेनाथ का पार्थिव पूजन, शिव सहस्त्रनाम का पाठ, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक बिल्वपत्र चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होगी. इन चार महीनों में सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. इस माह में जो व्यक्ति भागवत कथा, भगवान शिव का पूजन, धार्मिक अनुष्ठान, दान करेगा उसे अक्षय पुण्य प्राप्त होगा. 

चातुर्मास का दूसरा महीना भाद्रपद-
चातुर्मास के दूसरे महीने में यानि भाद्रपद में श्रीहरि के अवतार भगवान कृष्ण की कृपा भक्तों पर रहती है. तो चलिए आपको भाद्रपद महीने की महिमा भी बता देते हैं.

  • ये महीना श्रीकृष्ण का महीना है, इसी महीने में श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ था 
  • संतान प्राप्ति के प्रयोग के लिए ये सर्वोत्तम महीना है 
  • इसके अलावा संतान की उन्नति के लिए भी इस महीने को उत्तम मानते हैं 
  • जीवन में प्यार, आकर्षण और सुख शांति के लिए भी ये महीना काफी शुभ है
  • इस महीने में भगवान् कृष्ण की उपासना करनी चाहिए   
  • पूरे माह में श्रीमदभागवद का पाठ करना अत्यन्त शुभ परिणाम देगा 
  • 13 अगस्त से 10 सितंबर तक चलेगा भाद्रपद का महीना

इसी महीने में भगवान गणेश के 11 दिन के गणपति उत्सव की धूम होती है. महाराष्ट्र के गणपति पंडालों की शोभा तो इन 11 दिनों देखते ही बनती है. जैसी आपकी मनोकामना हो, वैसी ही आपकी उपासना भी होनी चाहिए. सच्चे मन से की कई उपासना हर मनोकामना पूरी कर सकती है. क्योंकि पूजा पाठ में अद्भुत शक्ति होती है. 

चातुर्मास का तीसरा महीना-
जब बात शक्ति की हो तो इसके लिए सबसे उत्तम चातुर्मास का तीसरा महीना यानि आश्विन का महीना है. तो चलिए आपको आश्विन महीने की महिमा भी बता देते हैं.

  • आश्विन का महीना शक्ति प्राप्ति का महीना है 
  • इस महीने में देवी की उपासना की जाती है 
  • आश्विन के महीने में ही पितरों की भी पूजा होती है
  • इसी महीने में शक्ति की नवरात्रि भी आती है  
  • जीवन में हर तरह के विजय का वरदान इस माह मिल सकता है 
  • इस माह सौभाग्य का और राज्य का वरदान भी मिल सकता है 
  • मुकदमों और विवादों से छुटकारे के लिए भी ये महीना काफी उत्तम है
  • इस माह में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए 
  • इस बार आश्विन का महीना 11 सितम्बर से 09 अक्टूबर तक रहेगा

चातुर्मास का चौथा महीना कार्तिक-
चातुर्मास का अंतिम महीना कार्तिक मास होता है. इस माह में गंगा स्नान, दीप दान, हवन और यज्ञ का विशेष महत्व है.

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