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Chhath Puja 2022: देश के छठ घाट सजकर तैयार, आज व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पण करेंगी अर्घ्य 

देश के छठ घाट सजकर तैयार हो चुके हैं. यहां पर छठ व्रती रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण करेंगी, वहीं सोमवार की अहले सुबह उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व संपन्न होगा. प्रशासन ने छठ पूजा को लेकर घाटों पर विशेष तैयारी की है. घाटों पर साफ-सफाई कराई गई है. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बैरिकेडिंग कराई गई है.

छठ घाट छठ घाट
हाइलाइट्स
  • छठ व्रती रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण करेंगी

  • सोमवार की अहले सुबह उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व होगा संपन्न

  • घाटों पर लगाए गए हैं सीसीटीवी कैमरे

देश के छठ घाट सजकर तैयार हो चुके हैं. यहां पर छठ व्रती रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण करेंगी, वहीं सोमवार की अहले सुबह उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व संपन्न होगा. प्रशासन ने छठ पूजा को लेकर घाटों पर विशेष तैयारी की है. घाटों पर साफ-सफाई कराई गई है. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बैरिकेडिंग कराई गई है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल तैनात किए गए हैं. छठ घाटों में नाव, गोताखोर तैनात किए गए हैं. ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी. व्रतियों के लिए कपड़ा चेंज रूम व हाई लाइट टावर बनाए गए हैं. उधर, श्रद्धालु भी अपने-अपने घाटों पर जाकर सजावट कर चुके हैं.


सबसे बड़ा स्थाई और व्यवस्थित घाट बिलासपुर शहर के तोरवा स्थित अरपा नदी पर ः

देश में सबसे बड़ा स्थाई और व्यवस्थित घाट बिलासपुर शहर के तोरवा स्थित अरपा नदी पर है, जहां एक साथ 40 हजार व्रती अर्घ्य देने पहुंचते हैं. छठ पूजा के लिए बिहार में सैकड़ों घाट हैं. अकेले राजधानी पटना में 82 घाट हैं, पर सभी घाटों का एरिया महज 100 से 200 मीटर ही है, जबकि तोरवा स्थित छठ घाट साढ़े 7 एकड़ में फैला हुआ है. यहां एक किलोमीटर एरिया में पूजा व अर्घ्य के लिए बेदी बनाई जाती है. हालांकि पूजा स्थल पर गौर करें तो मुंबई का जुहू स्थित चौपाटी सबसे बड़ा घाट माना जा सकता है, लेकिन यह स्थाई नहीं है. तोरवा छठ घाट स्थाई है. 

बिहार के बक्सर जिले का रामरेखा घाट ः
बक्सर में छठ को लेकर पूजा समितियों के साथ जिला प्रशासन द्वारा पक्के घाटों पर जमे सिल्ट को हटा सफाई कराई गई है. इसके साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा घाट को पेंट और कुदाल से मिट्टी देकर घेरा गया है. बक्सर जिले में हर घाट की अपेक्षा रामरेखा घाट पर छठ व्रतियों की काफी भीड़ होती है. 

औरंगाबाद के देव में देश के कोने-कोने से आते हैं श्रद्धालु ः
औरंगाबाद के देव में सबसे ज्यादा छठ में भीड़ होती है. जिले से ही नहीं, बल्कि देशभर से यहां श्रद्धालु छठ करने पहुंचते हैं. इस बार लाखों श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी पुख्ता कर रखी है. लाइटिंग, शौचालय व पानी समेत अन्य सभी व्यवस्था कराई गई है. इसके साथ-साथ देव में भीड़ रोकने के लिए जगह-जगह ड्रॉप गेट लगाए गए हैं. 


मुजफ्फरपुर में मॉडल घाट ः
छठ महापर्व को लेकर मुजफ्फरपुर के घाटों की साफ-सफाई कराई गई है. जिला प्रशासन की ओर से सीढ़ी घाट व आश्रम घाट को मॉडल घाट के रूप में तैयार किया जा रहा है. शहर के बालूघाट, अखाराघाट, सीढ़ीघाट, लकड़ीढाई समेत अन्य घाटों पर पुख्ता तैयारी है. 

आरा में अंग्रजों के जमाने का कलक्ट्री तालाब छठ घाट ः
बिहार के भोजपुर जिले में एक ऐसा भी छठ घाट है, जो सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है. यह घाट भोजपुर जिला मुख्यालय के हृदयस्थली आरा में स्थित है. अंग्रजों के जमाने का कलक्ट्री तालाब छठ घाट समाज को शांति और समृद्धि का संदेश देता है. 


पटना में हैं दर्जनों घाट ः
 बिहार की राजधानी पटना में दर्जनों छठ घाट हैं. पटना नगर निगम इलाके के 59 छठ घाटों के निर्माण किया गया है. प्रशासन ने कई छठ घाटों को व्रतियों के लिए सुरक्षित बताया है. इन घाटों पर साफ-सफाई कराई गई है. दीघा से कुर्जी तक दो किलोमीटर के नौ घाटों पर लाखों श्रद्धालु जुटते हैं. पटना जिला प्रशासन ने गंगा पथ के उत्तर साइड से कुर्जी बालू घाट पर जाने के लिए रास्ते की तैयारी में जुटा है। मीनार, पाटी पुल, जनार्दन घाट और शिवा घाट पर बांस लगाकर वाच टावर बनाया जा रहा है।