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Ram Temple Construction: राम मंदिर के गर्भगृह का पहला पत्थर रखा गया, जानिए मंदिर निर्माण के बारे में सब कुछ

Ram Mandir in Ayodhya: देश के जिस मंदिर के बनने का इंतजार पूरा देश कर रहा है. अयोध्या के उस श्रीराम मंदिर का निमार्ण कार्य एक अहम मोड़ पर पहुंच चुका है. नींव और आधारशिला तैयार होने के बाद अब गर्भगृह बनाने का काम भी शुरू हो गया है. काम शुरू होने से पहले गर्भगृह में लगने वाली शिलाओं को पूजा गया और इसमें 100 से भी ज्यादा संतों के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए. गर्भगृह के उत्तर-पश्चिम दिशा में पहली शिला रखकर वैदिक मंत्रों के साथ पूजा की गई. इसके परिसर में 28 मई से ही अनुष्ठान किया जा रहा था. सबसे खास बात ये है कि मंदिर बनाने का काम अपने प्लान के मुताबिक बिल्कुल सही समय से चल रहा है.

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath during the foundation stone laying ceremony of the sanctum sanctorum of the Ram temple Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath during the foundation stone laying ceremony of the sanctum sanctorum of the Ram temple
हाइलाइट्स
  • गर्भगृह के निर्माण का पहला पत्थर रखा गया

  • गर्भगृह 20 फीट लंबा और 20 फीट चौड़ा बनाया जाएगा

अयोध्या के श्रीराम मंदिर का विशाल चबूतरा, चबूतरे पर गर्भगृह की शिलाएं, मंदिर आंदोलन से जुड़े 100 से ज्यादा संतों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सबकी मौजूदगी में पवित्र मंत्रों की गूंज के बीच मंदिर के गर्भगृह का शिलान्यास किया गया. इसके साथ ही 1 जून की तारीख, हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई. लोगों को इस दिन, इस पल, का इंतजार 500 सालों से था, जब मंदिर बनाने के लिए आंदोलन की मशाल जली थी.

कब क्या हुआ-
गर्भगृह के शिलान्यास का मतलब है, अब मंदिर की दीवारें, छतें और तल बनाने का काम शुरू हो जाएगा. यानी अब से रामभक्तों के सपनों का मंदिर साफ तौर पर आकार लेता नजर आएगा. लोग अपनी आंखों से अपने आराध्य के धाम को बनते देखेंगे. मंदिर बनाने का काम सही रफ्तार से चल रहा है, जिस हिस्से को तैयार करने के लिए जो तारीख तय की गई थी. ठीक उसी समय पर काम पूरा होता जा रहा है.

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को भूमि पूजन करके निर्माण काम का शुभारंभ किया था 
  • 8 सितंबर, 2020 को मंगलवार के दिन मंदिर की नींव खुदाई का काम शुरू हुआ 
  • 15 मार्च, 2021 को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए नींव भराई का काम शुरू हुआ था 
  • 16 सितंबर, 2021 को पहले चरण का काम पूरा हुआ 
  • पहले और दूसरे चरण में नींव को तैयार करने का काम हुआ
  • 24 जनवरी, 2022 को मंदिर के चबूतरे के लिए ग्रेनाइट पत्थरों के बिछाने के साथ निर्माण का तीसरा चरण शुरू हुआ था

तीर्थ क्षेत्र में क्या-क्या होगा-
दक्षिण भारत के भवन कलाकारों ने तीन साल में इस मंदिर को तैयार किया है. मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी के साथ भगवान विष्णु, हनुमानजी की प्रतिमाओं की स्थापना की जा रही है. अयोध्या में मुख्य राम मंदिर के अलावा और भी कई धार्मिक स्थल और भवन तैयार किए जा रहे हैं, जो पूरे इलाके को एक तीर्थ क्षेत्र का रूप देंगे.

  • श्रीराम जन्मभूमि परिसर नक्षत्र वाटिका होगी, जिसमें नक्षत्रों के हिसाब से पेड़ लगाए जाएंगे 
  • एक म्यूजियम होगा, जिसमें खुदाई के दौरान मिले अवशेषों को रखा जाएगा
  • एक पुस्तकालय होगा, मंदिर संघर्ष से जुड़े दास्तावेजों के साथ के सनातन धर्म से जुड़ी किताबों और साहित्य उपलब्ध होंगे
  • जन्मभूमि परिसर में यज्ञशाला और सत्संग स्थल भी होगा
  • श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण के लिए एक विशाल रसोई का भी निर्माण होगा
  • एक भवन रामकथा कुंज का होगा, जहां श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित मूर्तियां होंगी
  • इसके साथ ही महाबली हनुमान और भगवान शंकर का एक मंदिर भी अयोध्या में बनाया जाएगा

इन सब के निर्माण का काम गर्भगृह के शिलान्यास के बाद तेजी से आगे बढ़ेगा. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. लोग दिल खोलकर दान कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अभी तक 3350 करोड़ रू से ज्यादा की राशि जमा हो चुकी है. अब तो इंतजार है 2023 का, जब ये गर्भगृह आम भक्तों के लिए तैयार खड़ा मिलेगा.

कैसा होगा मंदिर का गर्भगृह-
गर्भगृह किसी मंदिर का सबसे अहम और सबसे पवित्र हिस्सा होता है. जिसमें मुख्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. मान्यता के मुताबिक जिस जगह पर गर्भगृह होता है, वहां स्वंय देवता का वास होता है. इसलिए गर्भगृह की पूजा को बहुत अहम माना जाता है. सैकड़ों की संख्या में लोग वहां पूजा करने लिए जाते हैं. ऐसे में जब बात अयोध्या के श्रीराम मंदिर की होती है तो सभी ये जानना चाहते हैं कि इस मंदिर का गर्भगृह कैसा होगा. 

  • गर्भगृह को भव्याता देने के लिए इसे 20 फीट लंबा और 20 फीट चौड़ा बनाया जाएगा
  • पूरे गर्भगृह में मकराना संगमरमर लगाया जाएगा, ताजमहल में इन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है 
  • मंदिर का गर्भगृह कमल की आकृति का आठ कोण वाला होगा.
  • ऐसा डिजाइन अभी तक किसी मंदिर के गर्भगृह का नहीं है 
  • गर्भगृह की दीवारों पर करीब पूरे मंदिर का भार होता है, तो ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से इसकी दीवार 6 फीट मोटी होगी 
  • गर्भगृह की दीवारों के बाहरी हिस्से में गुलाबी पत्थर लगाए जाएंगे, जो दूर से बहुत ही सुंदर दिखते हैं 
  • गर्भगृह को कुछ ऐसे अंदाज में बनाया जाएगा कि रामनवमी पर सूरज की किरणें श्रीराम की मूर्ति पर पड़ेंगी और उससे पूरा गर्भगृह सुनहरी रोशनी से चमक उठेगा
  • गर्भगृह के सामने 3 विशालकाय मंडप होंगे. जिसमें 25 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी 

गर्भगृह के हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मंदिर कितना भव्य बनने वाला है. मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 168 फीट ऊंचा होगा. एक बार पूरा होने के बाद अयोध्या के श्रीराम मंदिर की गिनती दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में होगी. अहम चरणों में बांटा गया है, पहले चरण का काम समय पर खत्म हो गया है. उम्मीद यही है कि दूसरे और तीसरा चरण समय पर समाप्त हो जाएगा. फिर श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम का एक भव्य मंदिर होगा.

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