
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थित महामति श्री प्राणनाथ मंदिर में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शरद पूर्णिमा महोत्सव में देश-विदेश से आए हजारों प्रणामी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. 6-7 अक्टूबर की मध्यरात्रि को जैसे ही श्री जी की सवारी बंगला जी दरबार साहब से रासमण्डल के लिए निकली, पूरा पन्ना नगर “श्री प्राणनाथ प्यारे” और “रास के रचइया” के जयकारों से गूंज उठा.
धवल चांदनी में भक्तिभाव का अद्भुत संगम
शरद पूर्णिमा की रात भक्ति और श्रद्धा से सराबोर रही. हजारों श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए नृत्य और ध्यान में लीन दिखे. भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया. यह आयोजन, जिसे ‘जागिनी रास’ कहा जाता है, श्री प्राणनाथ जी द्वारा अपने सुंदरसाथ को कराए गए श्री राज जी-श्यामा जी की अलौकिक अखण्ड रासलीला का स्मरण कराता है.
द्वापर के महारास जैसी छटा
कंधों पर लाई गई दिव्य शोभायात्रा में पारंपरिक वेशभूषा में सजे श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए आगे बढ़े. पूरा वातावरण प्रेम और भक्ति के रंग में रंग गया. यह दृश्य ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो द्वापर युग का महारास पुनः धरती पर उतर आया हो. भक्तों का उत्साह और आनंद देखते ही बनता था.
पंचमी तक चलेगा अखंड रास
यह अखंड रास का आयोजन पंचमी तक चलेगा, जिसमें श्रद्धालु दिन-रात रास और भक्ति के दिव्य आनंद में सराबोर रहेंगे. हर साल की तरह इस बार भी नेपाल सहित कई विदेशी देशों से बड़ी संख्या में सुंदरसाथ पन्ना पहुंचे. भक्तों ने इसे अपने जीवन का सौभाग्य बताते हुए कहा कि यह महोत्सव आध्यात्मिक एकता और प्रेम का प्रतीक है.
अमृतमयी खीर का वितरण
कार्यक्रम के अंतिम चरण में परंपरानुसार अमृतमयी खीर प्रसाद का वितरण किया गया. श्रद्धालुओं ने झूमते हुए प्रसाद ग्रहण किया और इस दिव्य रात्रि को अपने जीवन का अविस्मरणीय अनुभव बताया. हर साल देश-विदेश, खासकर नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और अंतिम चरण में अमृतमयी खीर का प्रसाद पाकर झूम उठते हैं.
(दिलीप शर्मा की रिपोर्ट)
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