
जरूरी नहीं कि जो शक्ति आपको अपनी और आकर्षित करती हो वो प्रभु श्रीराम, भगवान कृष्ण, हनुमान जी या कोई और देवी-देवता हों. कई बार कुल देवी या कुल देवता भी आपके इष्ट हो सकते हैं. व्यक्ति अपने इष्ट देव की ओर बरबस ही खींचा चला जाता है. कहते हैं कि इष्ट की आराधना से ही इंसान का सर्व कल्याण होता है. आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन होते हैं इष्टदेव और उनकी उपासना से क्या-क्या लाभ मिल सकता है?
कौन होते हैं इष्टदेव
कोई भोलेनाथ की आराधना करता है तो कोई विष्णु भगवान की. किसी के आराध्य हनुमान जी होते हैं तो कोई मां दुर्गा की आराधना करता है. हर देवी-देवता पर किसी न किसी भक्त को अटूट भरोसा होता है. ज्योतिष के जानकारों की माने तो हर इंसान का मन किसी एक देवी या देवता की ओर सबसे ज्यादा आकर्षित होता है और वही देवी या देवता आपके ईष्ट देव हो सकते हैं.
यह बताया गया है कि इष्टदेव का निर्धारण जन्म जन्मांतर के संस्कारों से होता है न कि ग्रहों या कुंडली से. बिना किसी कारण के ईश्वर के जीस स्वरूप की तरफ आपका आकर्षण हो वही आपके इष्टदेव हैं. कई बार कुल देवी या कुल देवता भी इष्ट हो सकते हैं. यदि समय रहते अपने इष्टदेव को पहचान लिया जाए और उनकी उपासना की जाए तो ग्रहों के हर दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है और सुखी जीवन के लिए किसी अन्य उपाय की आवश्यकता नहीं पड़ती. ज्योतिष के जानकारों की माने तो हिंदू धर्म में 33 कोठी देवी-देवताओं को उपासना का योग्य माना गया है. अलग-अलग शक्तियों के रूप में उनकी पूजा की जाती है.
ग्रहों की समस्याओं के लिए उपाय
यदि आपकी कुंडली में ग्रहों से जुड़ी कोई समस्या है तो आइए जानते हैं कि कौन से ग्रह के लिए कौन से देवी-देव की उपासना सबसे उत्तम होगी. सबसे पहले देखें की आपके जीवन में आने वाली परेशानी किस कारण से आ रही है. सामान्यतः व्यक्ति को रोग और परेशानी यदि छठे और आठवें भाव के जो मारक ग्रह पड़े हुए है, उनका उपाय कर लेने से व्यक्ति को निश्चित आराम आ जाता है.
कुछ ग्रह ऐसे हैं, जो आपको सदैव अच्छा फल देते हैं. कुछ ग्रह नाकारात्म परिणाम देते हैं. सूर्य के लिए सूर्यदेव की ही उपासना करें या गायत्री मंत्र की साधना करें. चंद्रमा के लिए भगवान शिव की उपासना करना उत्तम होगा. मंगल के लिए कार्तिकेय या हनुमान जी की उपासना करें. बुध के लिए मां दुर्गा की उपासना करें. बृहस्पति के लिए श्री हरि की उपासना करें. शुक्र के लिए मां लक्ष्मी या मां गौरी की उपासना करें. राहु के लिए भैरव बाबा की उपासना करें. केतु के लिए भगवान गणेश की उपासना करें. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक मनचाहे फलों की प्राप्ति के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं की उपासना की जाती है लेकिन इन्हीं देवी-देवताओं को इष्ट भी माना गया है.
इन समस्याओं के निदान के लिए करें इन देवी-देवताओं की आराधना
1. यदि आपको कोई रोग परेशान कर रहा है तो भगवान शिव की आराधना करें. महामृत्युंजय नाम का जप करें. ऐसा करने से रोग से मुक्ति मिल जाएगी.
2. यदि आप विद्यार्थी है और विद्या ग्रहण करने में आपको कोई परेशानी आ रही है तो भगवान गणेश जी का पूजन बुधवार के दिन करें. इसके साथ ही देवी दुर्गा की आराधना करने से आपको विद्या तुरंत प्राप्त होगी.
3. आप प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहते हैं, सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो हनुमान जी की सेवा और मंगल देवता के लिए भजन करना आपको लाभ करेगा.
4. मानसिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव की उपासना करें.
5. शारीरिक दर्द और चोट-चपेट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जी की उपासना करें.
6. शीघ्र विवाह के लिए पुरुष मां दुर्गा की उपासना करें. महिलाएं भगवान शिव की उपासना करें.
7. बाधाओं के नाश के लिए भगवान गणेश की पूजा करें.
8. धन के लिए मां लक्ष्मी की उपासना करें.
9. मुक्ति मोक्ष या आध्यात्मिक उपलब्धि के लिए श्री कृष्ण या महादेव की उपासना करें.