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Tallest Ganesha Statue: भारत नहीं इस जगह पर है दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति, जानिए इस जगह का इतिहास और महत्व

गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. भारत में गणेश जी की ऊंची-ऊंची मूर्तियां हैं लेकिन दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति भारत में नहीं है. भगवान गणेश की ये मूर्ति लगभग 39 मीटर है. बड़ी संख्या में लोग गणेश जी की इस मूर्ति को देखने के लिए आते हैं.

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति (Photo Credit: Social Media_Instagram) दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति (Photo Credit: Social Media_Instagram)
हाइलाइट्स
  • भारत में नहीं है दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति

  • 200 टन से भारी है ये गणेश प्रतिमा

गणेश उत्सव का त्योहार शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. पूरे देश में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश उत्सव के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है. गणेश चतुर्थी महापर्व की शुरुआत हर साल भादो शुक्ल चतुर्थी को होती है. भादो शुक्ल की चतुर्दशी को गणेश जी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. 10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार के लिए पूरे देश में अनोखी गणेश प्रतिमाओं की स्थापना जाती है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भगवान गणेश की सबसे ऊंची मूर्तियों के लिए जाना जाता है. भारत में भगवान गणेश के मंदिर भी हैं जहां ऊंची-ऊंची मूर्तियां है. 

क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति भारत में नहीं है? दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति भारत में नहीं तो कहां है? आइए इस जगह के बारे में जानते हैं.

कहां है दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति?

दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति को लेकर कई सारी कन्फ्यूजन रहती है. भारत में वैसे तो गणेश जी की कई विशाल प्रतिमाएं हैं लेकिन भगवान गणेश की सबसे ऊंची मूर्ति भारत में नहीं थाईलैंड में है. भगवान गणेश की विशाल मूर्ति थाईलैंड के चाचोएंगसाओ (Chachoengsao) है. इसे फ्रा फुत्ता सोमपोत्तान गणेश (Phra Phuttha Sothon Ganesh) के नाम से भी जाना जाता है. दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति की ऊंचाई लगभग 39 मीटर (128 फीट) है.

सम्बंधित ख़बरें

  • भगवान गणेश का ये स्टेच्यू चाचोएंगसाओ के खलोंग खुएन गणेश इंटरनेशनल पार्क में है. ये जगह बैंकॉक (Bangkok) से लगभग 80–90 किमी दूर है. 
  • गणेश जी की ये मूर्ति कांसे के 854 टुकड़ों से जोड़कर बनाई गई है. इसे बनाने में 4 साल का समय लगा था. 
  • फ्रा फुत्ता सोमपोत्तान गणेश का निर्माण 2008 में शुरू हुआ और 2012 में पूरा हुआ. भगवान गणेश की सबसे ऊंची मूर्ति का कुल वजन 200 टन से भी ज्यादा है.

क्यों खास है ये जगह?

थाईलैंड में बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिंदू देवताओं की पूजा भी होती है. भगवान गणेश को यहां "फ्रा पिकानेट" कहा जाता है. इन्हें बाधाओं को दूर करने वाला और ज्ञान का देवता माना जाता है. इस मूर्ति को लोगों में समृद्धि, सफलता और शांति का संदेश देने के लिए बनाया गया है. थाईलैंड में गणेश की मूर्तियां व्यापार और कला के देवता के रूप में भी पूजी जाती हैं. यह जगह सैलानियों के बीच काफी फेमस है. यहां हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.

थाईलैंड में भगवान गणेश की यह सिर्फ मूर्ति नहीं है बल्कि आस्था, कला, इंजीनियरिंग और भारत-थाईलैंड सांस्कृतिक रिश्तों का सुंदर प्रतीक है. हर साल हजारों श्रद्धालु और टूरिस्ट आते हैं. इसकी जड़ें हजारों साल पहले से जुड़ी हुई हैं. साउथ-ईस्ट एशिया में ब्राह्मणवाद और हिन्दू के प्रचार-प्रसार हुआ था. समय के साथ भगवान गणेश थाई संस्कृति का भी हिस्सा बन गए. थाईलैंड में अब इन्हें सक्सेस, ज्ञान और सुरक्षा का देवता माना जाता है. गणेश जी की मूर्ति थाईलैंड में सिर्फ मंदिरों में नहीं दिखाई देते हैं. इसके अलावा लोगों के घरों, यूनिवर्सिटीज और दुकानों में भी गणेश जी की फोटो देखने को मिलती है.

कैसे देखें ये जगह?

  • दुनिया की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति चाचोएंगसाओ के खलोंग खुएन गणेश इंटरनेशनल पार्क में है. ये जगह बैंकॉक से लगभग 80-90 किमी. दूर है. बैंकॉक से इस जगह को एक दिन में देखा जा सकता है.
  • चाचोएंगसाओ के खलोंग खुएन गणेश इंटरनेशनल पार्क सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है. इस समय में आप गणेश की विशाल मूर्ति को देख सकते हैं. 
  • विदेशी टूरिस्ट के लिए इस जगह का टिकट लगभग 100 थाई भाट (230 रुपए) और थाई लोग यहां फ्री में आ सकते हैं.
  • बैंकॉक से यहां आप ट्रेन से भी आ सकते हैं. ट्रेन से चाचोएंगसाओ जंक्शन तक आएं. फिर टैक्सी टैक्सी या टुक-टुक लेकर यहां पहुंचे. इसके अलावा बस या कैब से भी आसानी से पहुंच सकते हैं.
  • इस जगह के आसपास आप वाट सोथोन वाराराम वोराविहान मंदिर, बान माई रिवरसाइड मार्केट और बैंग पाकोंग नदी के किनारे भी जा सकते हैं.

भारत में कहां है सबसे ऊंची गणेश मूर्ति?

भारत में भी कई जगहों पर ऊंची-ऊंची गणेश प्रतिमाएं हैं. भारत की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में “कदम्ब गणपति” है.

  • कदम्ब गणपति: भगवान गणेश की ये मूर्ति भारत की सबसे ऊंची मूर्ति मानी जाती है. इसकी ऊंचाई लगभग 161 फीट ( करीब 49 मीटर) है.
  • डोड्ड गणेश: डोड्ड गणेश भारत की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है. गणेश जी की मूर्ति कर्नाटक के सतीगुंडू में है. ये मूर्ति लगभग 85–90 फीट ऊंची है. यहां हर साल गणेश चतुर्थी के समय बड़ा मेला लगता है.
  • पेनुगोंडा गणेश: आंध्र प्रदेश में भी भारत की सबसे ऊंची गणेश मूर्ति है. इसकी ऊंचाई लगभग 54 फीट है. इसे “विदान गणेश” के नाम से भी जाना जाता है.
  • कोल्हापुर (महाराष्ट्र) और अन्य राज्यों में भी कई विशाल गणेश प्रतिमाएं हैं लेकिन ऊंचाई के मामले में ये कर्नाटक की मूर्तियों से छोटी हैं.
  • कर्नाटक और तमिलनाडु में भी कई बड़ी गणेश प्रतिमाएं हैं लेकिन दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति थाईलैंड में ही है.

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इसे विनायक चतुर्थी या गणेश उत्सव भी कहते हैं. यह त्योहार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है. गणेश उत्सव इस साल 27 अगस्त से शुरू हो रहा है. मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान गणेश को जन्म दिया. गणेश जी को बुद्धि, विवेक, ज्ञान और सौभाग्य का देवता माना जाता है. इसलिए इस दिन लोग उनकी पूजा करके अपनी जिंदगी में खुशहाली और सफलता की कामना करते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी बड़े उत्सव के रूप में मनाई जाती थी. बाद में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने आज़ादी के आंदोलन के दौरान इसे जनआंदोलन और सामाजिक एकता का प्रतीक बनाया.