Chhath Puja 2022
Chhath Puja 2022 छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. किंवदंतियों का मानना है कि बिहार में कई स्थानों का छठ त्योहार के साथ आध्यात्मिक जुड़ाव है. और मुंगेर ऐसे शहरों में से एक है.
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंगेर शहर का माता सीता और छठ पूजा से कनेक्शन है. यहां के मशहूर पंडित कौशल किशोर पाठक का कहना है कि आनंद रामायण में सीता चरण और मुंगेर का जिक्र है.
मां सीता ने किया था छठी मैया का व्रत
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान राम वनवास के बाद अयोध्या वापस आए, तो उन्होंने अपने राज्य के लिए राजसूय यज्ञ किया. लेकिन ऋषि वाल्मीकि ने राम जी को बताया कि मुद्गल ऋषि मौजूद नहीं हैं और अगर वह नहीं आए तो उनका यज्ञ विफल हो जाएगा.
यह सुनने के बाद, भगवान राम, देवी सीता के साथ मुद्गल ऋषि के आश्रम में गए. मुद्गल ऋषि ने देवी सीता को भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करने का सुझाव दिया. तब माता सीता ने मुंगेर के मंदिर में ही पूजा की थी.
ब्रह्महत्या मुक्ति का था रास्ता
आनंद रामायण के अनुसार, रावण को मारना पाप था क्योंकि वह एक ब्राह्मण था. इसलिए भगवान राम के लिए इस पाप से मुक्त होना आवश्यक था. ऐसा माना जाता है कि ऋषि मुद्गल और भगवान राम ने ब्रह्महत्या मुक्ति यज्ञ किया था, जबकि देवी सीता ने उपवास रखा था और सूर्य देव की पूजा करते हुए पश्चिम में डूबते सूर्य और पूर्व में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया था.