
German Hangers in Kashi Vishwanath Temple (Photo Credit: India Today/PTI)
German Hangers in Kashi Vishwanath Temple (Photo Credit: India Today/PTI) वाराणसी (Varanasi) उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के सबसे बड़े पर्यटन शहर में से एक हैं. महाकुंभ के बाद इस जगह पर सैलानियों की संख्या बढ़ गई है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम भी पहुंच रहे हैं.
धीरे-धीरे मौसम बदल रहा है. गर्मी भी बढ़ती जा रही है. गर्मियों में काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है. तेज धूप की वजह से श्रद्धालुओं के पैर जलते हैं.
अब गर्मियों में श्रद्धालु बिना किसी दिक्कत के बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के दर्शन कर सकेंगे. अब श्रद्धालुओं के पैर नहीं जलेंगे. भक्तों के लिए काशी विश्वनाथ धाम में जर्मन हैंगर्स लगाए गए हैं. श्रद्धालुओं के लिए विश्वनाथ धाम में तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं.
जर्मन हैंगर की व्यवस्था
बदलते मौसम के साथ गर्मी की तपिश भी बढ़ती चली जा रही है. यही वजह है कि जगह-जगह इसको लेकर जतन भी शुरू हो गए हैं. वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. धाम में देश भर से पहुंचे श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए पूरे विश्वनाथ धाम में जर्मन हैंगर लगा दिए गए हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह ने इस बारे में बताया कि मौजूदा समय में गर्मी के मौसम के चलते विश्वनाथ धाम में लगे पत्थर तपना शुरू हो गए हैं. इसको देखते हुए दर्शनार्थियों की सुविधा के मद्देनजर पूरे विश्वनाथ धाम में जर्मन हैंगर लगाया जा रहा है. एसडीएम ने कहा, जर्मन हैंगर के अलावा मिस्ट फैन भी लगाया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं पर ठंडी फुहार के जरिए शीतलता प्रदान की जा सके.

एसडीएम शंभू शरण सिंह ने बताया कि श्रद्धालु बिना किसी तकलीफ के बाबा विश्वनाथ के दर्शन प्राप्त कर सकें. मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं को लगातार ऐसी सुविधा प्रदान करता रहा है और आगे भी करता रहेगा. वहीं देश भर से विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी गर्मी से बचाव के इंतजाम और जर्मन हैंगर की वजह से छांव की व्यवस्था की तारीफ की.
अन्य व्यवस्थाएं
गर्मियों में काशी विश्वनाथ धाम परिसर में लगे पत्थर तपने लगते हैं. उन पर चलना मुश्किल हो जाता है. काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए तमाम सुविधाएं की जा रही हैं. जर्मन हैंगर के अलावा विश्वनाथ धाम में मैट भी बिछाया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को आने में परेशानी न हो. मैट के साथ में परिसर में जगह-जगह पर पंखे की लगवाए जा रहे हैं.

काशी विश्वनाथ मंदिर देश के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है. ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर में भगवान शंकर शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. गंगा नदी के किनारे पर स्थित ये मंदिर अनादिकाल से है. विश्वनाथ मंदिर को कई बार तोड़ा गया लेकिन समय-समय पर इसका जीर्णोद्धार भी होता रहा. आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं.