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Krishna Janmashtami 2025: मथुरा से द्वारका तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की भव्य तैयारी, कहीं गर्भगृह को 221 किलोग्राम चांदी से सजाया गया तो कहीं बनाए जा रहे 3100 प्रकार के व्यंजन 

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 16 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. मथुरा से द्वारका तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की भव्य तैयारी शुरू हो गई है. मथुरा प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सुलभ और सुरक्षित दर्शन के लिए पूरी ताकत लगा दी है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर आयोजित समारोह में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे.  

Krishna Janmashtami 2025 Krishna Janmashtami 2025
हाइलाइट्स
  • जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को पहनाई जाएगी इंद्रधनुषी पोशाक 

  • मथुरा में श्रद्धालु सुबह 5:30 बजे से रात 2:00 बजे तक कर सकेंगे दर्शन

भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव 16 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने को लेकर उत्साह है. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर तैयारियां जोरों पर हैं. पूरे शहर को सजाया जा रहा है. चौक-चौराहों पर पेंटिंग और रंगाई-पोताई हो रही है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि भगवान को इंद्रधनुषी पोशाक पहनाई जाएगी, जो रेशम, जरी और रत्नों से बनी है. गर्भगृह को 221 किलोग्राम चांदी से सजाया गया है. श्रद्धालु सुबह 5:30 बजे से रात 2:00 बजे तक दर्शन कर सकेंगे.

मथुरा और वृंदावन में जुटेंगे लाखों श्रद्धालु
जन्माष्टमी के इस खास मौके पर मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे. मथुरा प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. प्रमुख मार्गों पर अतिक्रमण हटाने और नो व्हीकल जोन में व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापारी बंधुओं के साथ बैठकें की गई हैं.

दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में भव्य आयोजन
दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश और द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिरों में भी जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं. ईस्ट ऑफ कैलाश में फूलों से सजे पंडाल और 1008 प्रकार के व्यंजनों का भोग तैयार किया जा रहा है. द्वारका इस्कॉन में तीन दिन का उत्सव मनाया जाएगा. 16 अगस्त को 3.5 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. मंदिर में 3100 प्रकार के व्यंजन बनाए जा रहे हैं, जिनमें 1000 किलो के पांच केक भी शामिल हैं.

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विशेष व्यंजन और परंपराएं
द्वारका इस्कॉन में भगवान के लिए विशेष व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं. केशव प्रिया ने बताया कि हर साल अलग-अलग थीम पर व्यंजन बनाए जाते हैं. इस बार सुगंधित मिठाइयों का चयन किया गया है, जैसे गुलाब का घेवर, चंदन का चूरमा और उड़ीसा के केसर नारियल लड्डू. ये व्यंजन बिना प्रिजर्वेटिव और शुद्ध देसी घी से बनाए गए हैं.

धार्मिक परंपराओं का पालन
द्वारका इस्कॉन में भगवान की रसोई में केवल दीक्षा प्राप्त भक्त ही प्रवेश कर सकते हैं. अर्चित दास ने बताया कि 15 अगस्त को भगवान का आदिवास होगा, जिसमें भगवान को पहनाई जाने वाली पोशाक और आभूषण पहले दिखाए जाएंगे. 16 अगस्त को सुबह 4:30 बजे मंगल आरती से उत्सव शुरू होगा.

लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद
द्वारका इस्कॉन में 8 लाख श्रद्धालुओं के लिए व्रत का प्रसाद तैयार किया जा रहा है. इसमें पनीर टिक्का, रबड़ी, कुट्टू के आटे की पूड़ी और आलू की सब्जी जैसे 35-40 प्रकार के आइटम शामिल हैं. यह प्रसाद खुलेआम वितरित किया जाएगा.