
बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मंदिर के मॉडल की तस्वीरें साझा की हैं. यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, "यह मंदिर वस्तु शास्त्र और मैथिली कला का अद्भुत संकल्प होगा."
2023 में कैबिनेट ने पुनौरा धाम के सौंदर्यीकरण को मंजूरी दे दी और इसके लिए 72 करोड़ से ज्यादा रुपये आवंटित किए हैं. अब सीएम नीतीश कुमार ने निर्माण कार्य में तेजी के लिए एक ट्रस्ट का भी गठन कर दिया है.
मंदिर का डिज़ाइन और सुविधाएं
मंदिर के डिज़ाइन में परिक्रमा पथ, यज्ञशाला और डिजिटल रामायण संग्रहालय की योजना शामिल है. इसमें रामायण काल की झलक के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं का भी समावेश होगा. राज्य सरकार ने इसे राष्ट्रीय तीर्थ के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है.
पौराणिक कथा और महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जनक की नगरी जनकपुरी में अकाल पड़ा था. तब ऋषि मुनियों के कहने पर राजा जनक सीतामणि के हलेश्वर स्थान पर महादेव को मनाने के लिए फलेश्वरी यज्ञ करने गए थे. जिसके बाद उनके राज्य में भारी बारिश हुई थी. राजा जनक हल चलाते चलाते सीतामढ़ी के पुनौरा धाम पहुंचे जहां हल एक घड़े से जा टकराया और इस घड़े से माता सीता निकली.
भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का संगम
पुनौरा धाम में बन रहा मां सीता का ये धाम सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि इस बात का प्रतीक होगा कि जहां राम हैं वहां मां सीता भी होंगी. जैसे अयोध्या को उसका गौरव मिला, वैसे ही अब सीतामणि को भी उसकी पहचान मिलेगी. जानकी जन्मभूमि को विश्व मानचित्र पर लाया जाएगा. पुनौरा धाम में भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का संगम होगा और सीतामढ़ी रामायण युग का जीता जागता प्रतीक बनकर उभरेगा.