How to do Shanivar Vrat (Photo: Pinterest)
How to do Shanivar Vrat (Photo: Pinterest) शनिवार शनि देव या शनि ग्रह को समर्पित दिन है, यही कारण है कि सप्ताह के छठे दिन को हिंदी में शनि-वार कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह ग्रह बहुत महत्वपूर्ण है. शनि ग्रह दीर्घायु, एकाग्रता, तपस्या, प्रतिबंध और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करता है. यह बीमारियों, बुढ़ापे और मृत्यु का प्रतीक है. ज्योतिषियों ने इस ग्रह को बहुत शक्तिशाली माना जाता है. उनके अनुसार यह ग्रह आपके जीवन पर गलत प्रभाव डाल सकता है.
शनिवार का व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जिसे शनि देव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है.
शनिवार व्रत की पूजा-विधि
शनिवार व्रत का उद्यापन: सबसे पहले तो किसी पंडित से पुछकर ही शनिवार व्रत का संकल्प करना चाहिए. जितने दिन के लिए व्रत का संकल्प किया है उतने शनिवार व्रत करने के बाद, अगले शनिवार को उद्यापन पूजा करें. सबसे पहले घर पर शनि पूजा करें. फिर शनि देव के मंदिर जाकर उन्हें तेल चढ़ाएं और गेंदे के पुष्प अर्पित करें. शनिदेव को काली उड़द की दाल से बनी चीजों का भोग लगाएं. शनि देव की आरती उतारें और भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें. शनिवार व्रत उद्यापन के बाद दान करने का बहुत महत्व माना गया है. बिना दान किये शनिवार का व्रत के व्रत का कभी भी फल प्राप्त नहीं होता है.
नोट: यह ध्यान रखें कि शनिवार व्रत की पूजा विधि में कुछ भिन्नताएं हो सकती हैं, इसलिए अपने गुरु या पंडित से परामर्श लेना चाहिए.