पूरा देश 18 और 19 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाएगा. श्रीकृष्ण की आभा ऐसी है कि उनके प्रकट होते ही झूम उठी थी, सृष्टि मस्त मगन हो गई थी. कल जन्माष्टमी है अगर आपने कान्हा का जन्मोत्सव उत्तम विधि से मनाया तो आपके जीवन की हर मुश्किल को उत्सव में बदल देंगे वासुदेव कृष्ण क्योंकि कृष्ण भावना के भूखे हैं. आप जैसी भावना अर्पित करेंगे वैसा ही फल वो आपको देंगे. कृष्ण को कैसे करना है प्रसन्न ताकि वो आप पर अपनी कृपा बनाए रखें. जानिए कृष्ण पूजा और फल प्राप्ति के अलग-अलग तरीके.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वरदान कैसे पायें ?
1. संतान प्राप्ति का वरदान
- भगवान कृष्ण का पंचामृत से अभिषेक करें
- इसके बाद उनके समक्ष घी का दीपक जलाएँ
- संतान गोपाल मंत्र - "ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते , देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गता "
2. शीघ्र विवाह के लिए
- भगवान कृष्ण को सुगन्धित जल अर्पित करें
- इसके बाद उनको पीले फूल चढाएँ
- "गोकुल नाथाय नमः" का जाप करें
3. सुखद वैवाहिक जीवन के लिए
- भगवान कृष्ण का दुग्ध से अभिषेक करें
- इसके बाद "क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलान्गाय नमः" का जाप करें
- दुग्ध को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें
4. विद्या और शिक्षा प्राप्ति के लिए
- भगवान कृष्ण को केसर के जल से स्नान करवाएँ
- उनको पीली वस्तु का भोग लगाएं
- फिर निम्न मंत्र का जाप करें - 'ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे"
5. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए
- भगवान कृष्ण को वस्त्र अर्पित करें
- इसके बाद माखन,मिसरी और तुलसी दल अर्पित करें
- निम्न मंत्र का जाप करें- 'लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा"
भगवान कृष्ण की पूजा में किन किन बातों का ध्यान रखें?
- भगवान कृष्ण की पूजा मधुर भाव से करें
- मंत्र जप के लिए तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग करें
- मंत्र जप के तुरंत बाद जल का स्पर्श न करें
- मंत्र जप के साथ सात्विकता बनाये रखें