
ओडिशा के पुरी में 27 जून से शुरू हो रही भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मुख्यमंत्री मोहन चंद माझी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया गया. इस बार यात्रा के दौरान 275 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी और 10,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में लाखों की तादाद में भक्त शामिल होते हैं, इसलिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. इस बार सुरक्षा के लिए 275 सीसीटीवी कैमरे अलग-अलग पॉइंट्स पर लगाए गए हैं. 10,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. किसी भी हादसे से निपटने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम को भी तैनात किया गया है. 69 अस्थाई हेल्थ सेंटर, 64 एम्बुलेंस और अलग-अलग अस्पतालों में 265 बेड का इंतजाम किया गया है. साथ ही, 378 डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति की गई है.
भगवान जगन्नाथ के धाम को सजाया और संवारा जा रहा है. अलग-अलग पेंटिंग्स बनाए जा रहे हैं और चित्रकार इस काम को समय पर संपन्न करने में लगे हैं. उन्होंने आगे कहा, "हम सारा दिन रात काम करते हैं और हमें बहुत आनंद मिलता है."
रथयात्रा का है बहुत महत्व
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पूरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडीचा मंदिर तक जाती है. इन दोनों मंदिरों के बीच की दूरी चार किलोमीटर है. माना जाता है कि जो इंसान भगवान जगन्नाथ का रथ खींचता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसीलिए इस रथयात्रा में भक्तों का हुजूम लगता है. भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ तीन अलौकिक सुंदर रथों में सवार होकर अपनी मौसी के घर गुंडीचा मंदिर जाते हैं और फिर सात दिन तक वहीं विश्राम करते हैं. इस दौरान तीनों रथों को भव्य रूप से सजाया जाता है.
मुख्यमंत्री ने की बैठक
भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री मोहन चंद माझी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. मुख्यमंत्री ने कहा, "महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा और उत्सव को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए बैठक बुलाई गई थी." उन्होंने आगे कहा, "सारी दुनिया के लोग इस दिव्य अवसर का इंतजार कर रहे हैं और इसके लिए पूर्व प्रस्तुति पहले से ही अधिकारी लेवल पर की जा चुकी है."
पुरी की जगन्नाथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से भक्त आते हैं. भगवान जगन्नाथ की इस भव्य रथयात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और इस बार भी भक्ति का उल्लास देखने को मिलेगा.