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Ganesh Utsav: जयपुर में 8 दिन का भव्य गणेश महोत्सव... 1.25 लाख मोदकों से सजे बप्पा

महोत्सव का आगाज़ बेहद खास अंदाज़ में हुआ. पहले दिन भगवान गणपति को 1,25,000 मोदकों से सजाया गया. इसमें 251 किलो के दो विशाल मोदक, 51 किलो के पांच मोदक और हजारों छोटे मोदक शामिल रहे.

Ganesh Utsav Ganesh Utsav

गुलाबी नगरी जयपुर के ऐतिहासिक मोती डुंगरी गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी महोत्सव की धूम शुरू हो गई है. इस बार आठ दिन चलने वाले इस महोत्सव में भक्ति, परंपरा और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. लाखों श्रद्धालु गणपति बप्पा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं.

मोदक झांकी से शुभारंभ
महोत्सव का आगाज़ बेहद खास अंदाज़ में हुआ. पहले दिन भगवान गणपति को 1,25,000 मोदकों से सजाया गया. इसमें 251 किलो के दो विशाल मोदक, 51 किलो के पांच मोदक और हजारों छोटे मोदक शामिल रहे. इन मोदकों को बनाने के लिए 2500 किलो शुद्ध घी, 3000 किलो बेसन, 9000 किलो चीनी और 100 किलो सूखे मेवे का उपयोग किया गया. श्रद्धालुओं ने विशेष भक्ति भाव से यह प्रसाद अर्पित किया.

8 दिन का भव्य आयोजन

  • 20 अगस्त से शुरू हुआ यह महोत्सव 28 अगस्त तक चलेगा. हर दिन विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
  • 21 अगस्त - पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में भगवान गणेश का पंचामृत अभिषेक होगा. 501 महिलाएं कलश लेकर मंदिर पहुंचेंगी. अभिषेक में 251 किलो दूध, 50 किलो दही, 25 किलो भूरा, 11 किलो शहद और 11 किलो घी का उपयोग होगा. इसी दिन 3100 किलो मेहंदी से गणपति का श्रृंगार किया जाएगा.
  • 22 अगस्त- भक्तों के लिए ध्रुपद गायन की सुरमयी प्रस्तुति होगी.
  • 23, 24 और 25 अगस्त- तीन दिन तक कथक नृत्य का आयोजन होगा.
  • 26 अगस्त- सिंजारा उत्सव और मेहंदी पूजन का आयोजन किया जाएगा.
  • 27 अगस्त- पूरे उल्लास और भक्तिभाव के साथ गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

28 अगस्त को भव्य शोभायात्रा
महोत्सव के अंतिम दिन, 28 अगस्त को गणपति बप्पा नगर भ्रमण पर निकलेंगे. मोती डुंगरी मंदिर से निकलने वाली यह भव्य शोभायात्रा शहर की सड़कों पर भक्तिमय माहौल बना देगी. हजारों श्रद्धालु इस दौरान गणपति के दर्शन और आशीर्वाद का लाभ उठाएंगे.

गणपति बप्पा का राजसी श्रृंगार
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे. उन्हें विशेष पोशाक पहनाई जाएगी और सोने का भव्य मुकुट सजाया जाएगा, जिसमें हीरे, पन्ना, मोती और रूबी जड़े हुए हैं. यह मुकुट व्हाइट गोल्ड से तैयार किया गया है और इसे बनाने में तीन पीढ़ियों का समय लगा. साथ ही, भगवान को नौलखा हार भी अर्पित किया जाएगा.

जयपुर की सांस्कृतिक पहचान
मोती डुंगरी गणेश मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आयोजन जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं, और इस बार भी यह महोत्सव आस्था, परंपरा और संस्कृति का गौरवपूर्ण उत्सव बनने जा रहा है.

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