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Ganesh Chaturthi 2025: नहीं हो रही है शादी? इस वैवाहिक गणेश मंदिर में करें यह खास काम... पूरी होगी मनोकामना

माना जाता है कि यह मंदिर सिद्ध देव स्थान है, जहां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.

Ganesh Temple in Jhansi Ganesh Temple in Jhansi

झांसी नगर में स्थित श्री गणेश मंदिर न केवल अपनी धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि भारतीय इतिहास में भी इसका विशेष महत्व है. यह वही मंदिर है जहां 1857 की क्रांति की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का विवाह झांसी नरेश गंगाधर राव के साथ सम्पन्न हुआ था.

माना जाता है कि यह मंदिर सिद्ध देव स्थान है, जहां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. गणेश महोत्सव के दौरान यहां दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते हैं.

ऐतिहासिक महत्व: रानी लक्ष्मीबाई के विवाह का गवाह
श्री गणेश मंदिर के निर्माण का सटीक ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता क्योंकि 1858 की गदर के बाद झांसी पर अंग्रेजों का नियंत्रण हो गया था और उन्होंने झांसी के कई ऐतिहासिक दस्तावेज नष्ट कर दिए थे. मंदिर समिति सदस्य उज्जवल बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण रानी लक्ष्मीबाई के ससुर साहब के कार्यकाल में हुआ था. 

1853 में झांसी रानी लक्ष्मीबाई का विवाह राजा गंगाधर राव से इसी मंदिर में सम्पन्न हुआ. गदर के समय मंदिर को काफी नुकसान हुआ, लेकिन इसकी ऐतिहासिक पहचान और धार्मिक महत्व आज भी बरकरार है. 

मनोकामनाओं की पूर्ति का सिद्ध स्थल
यह मंदिर मनोकामनाओं की सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि यदि कोई भक्त एक नारियल, 100 ग्राम चावल और लाल कपड़ा लेकर गणेश प्रतिमा के पास अर्पित करता है और 21 परिक्रमा करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

विवाह संबंधी विशेष मान्यता
जिन युवकों और युवतियों के विवाह में रुकावटें आती हैं, वे यहां आकर लाल कपड़े में नारियल, चावल, सिंदूर बांधते हैं. मंदिर में 11 या 21 परिक्रमा करते हैं और नारियल को मंदिर में अर्पित करते हैं. श्रद्धालु मानते हैं कि इससे शीघ्र ही विवाह के योग बनते हैं। इसी कारण इसे “वैवाहिक गणेश मंदिर” भी कहा जाता है.

मंदिर के पुजारी विश्वरामचंद ताम्वे बताते हैं, “यह वही मंदिर है जहां रानी लक्ष्मीबाई का विवाह हुआ था. यहां एक नारियल, रोली, एक रुपये और लाल कपड़ा अर्पित कर 21 परिक्रमा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, खासकर विवाह से संबंधित इच्छाएं अवश्य पूरी होती हैं.”

श्रद्धालु संजय कहते हैं, “यह मंदिर बहुत ही प्राचीन और सिद्ध है. यहां आने वाले हर भक्त की इच्छाएं पूरी होती हैं. खास बात यह है कि रानी लक्ष्मीबाई का विवाह भी यहीं हुआ था, इसलिए यह मंदिर हमारे लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है.”

भक्त कुलदीप का भी मानना है कि जो भी अविवाहित युवक-युवतियां यहां सच्चे मन से पूजा करते हैं, गणेश जी उनकी विवाह संबंधी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं.

गणेश महोत्सव पर उमड़ती भीड़
गणेश महोत्सव के अवसर पर मंदिर में दूर-दूर से सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष पूजन करते हैं और लाल कपड़े में नारियल व चावल बांधकर गणेश प्रतिमा के पास अर्पित करते हैं.

झांसी का श्री गणेश मंदिर इतिहास, आस्था और परंपरा का अनूठा संगम है. यह मंदिर रानी लक्ष्मीबाई के विवाह का गवाह है. यहां की सिद्धि परंपरा भक्तों को मनोकामनाएं पूरी होने का विश्वास देती है. विशेष रूप से विवाह संबंधी इच्छाओं की पूर्ति के लिए इसे वैवाहिक गणेश मंदिर कहा जाता है. धार्मिक महत्व के साथ-साथ यह मंदिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक धरोहर को भी संजोए हुए है. 

(अजय झा की रिपोर्ट)

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