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Kanwar Yatra 2025: हरिद्वार में कांवड़ियों का जुटेगा रेला! कांवड़ यात्रा की तैयारी तेज, SDRF ने सुरक्षा के लिए कसी कमर, किए ये विशेष इंतजाम

सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा. सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा शुरू होगी. कुछ दिनों के बाद देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़िए जुटने शुरू हो जाएंगे. कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार में जोरदार तैयारी चल रही है.

Kanwar Yatra 2025 Haridwar (Photo Credit: Getty) Kanwar Yatra 2025 Haridwar (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • 11 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा

  • हरिद्वार में कांवड़ यात्रा की तैयारी तेज

  • हरिद्वार में घाटों पर SDRF टीम तैनात रहेगी

सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू होने वाला है. इसी के साथ भोले के करोड़ों भक्त कांवड़ यात्रा की कठिन तपस्या के लिए अपने अपने घरों से निकलने को तैयार हैं. अपने आराध्य के जलाभिषेक के लिए गंगाजल लाने का ये सफर दिन रात चलता है. उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक कांवड़ यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा और 9 अगस्त तक चलेगा. हर साल सावन में हजारों कांवड़िए पैदल चलकर दूर-दूर से गंगाजल लेने हरिद्वार जाते हैं. वहां से गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर पद यात्रा करते हुए वापस लौटते हैं. इसी गंगाजल से महादेव भोले भंडारी, भगवान शंकर का अभिषेक किया जाता है. इसी यात्रा को कांवड़ यात्रा कहा जाता है.

हरिद्वार में बड़ी तादाद में भोले के भक्त कांवड़ लेकर पहुंचते हैं. मां गंगा का जल लेने के लिए हरकी पैड़ी पर भक्तों का सैलाब उमड़ता है. ऐसे में पानी के तेज बहाव में हादसों का भी खतरा बना रहता है. इसी तरह के खतरों से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने कमर कस ली है और विशेष इंतजाम किए हैं.

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कांवड़ यात्रा की तैयारी
कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है. उसके पहले हरिद्वार के घाट भी तैयार हो चुके हैं. तमाम सारे घाटों पर व्यवस्थाएं हैं. हालांकि, अभी तक बहुत सारी तैयारियां बाकी हैं. इनमें सबसे बड़ी चुनौती लाखों की संख्या में आने वाले जो कांवड़ यात्री हैं. हादसे ना हो, उन्हें बचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया जा चुका है.

हरिद्वार में अलग-अलग घाटों पर कांवड़िए आएंगे. श्रद्धालु यहां से जल भरेंगे और गंगाजल ले कर अपने-अपने शिवालयों की ओर रवाना होंगे. हर साल चाहे न चाहे करीब लापरवाही के चलते या विपरीत परिस्थितियों में भीड़ के चलते कई बार हादसे हो जाते हैं. तब बहुत बड़ी जिम्मेदारी एसडीआरएफ की होती है.  एसडीआरएफ की टीम पूरी तरीके से तैयार है. मॉक ड्रिल और निरीक्षण पहले ही कर लिया है. इस बार एसडीआरएफ(SDRF) की सात टीमें 6 जगहों पर तैनात रहेंगी.

इस बारे में एसडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि ये जो छह स्थान हैं, हमने उस बेसिस पे चुने हैं कि जहां पर पिछले साल बहुत ज्यादा डूबने की घटनाएं बढ़ती थीं या लोग पानी में बह जाते थे. इसको देखते हुए हमने ये टीमें तैनात की हैं. जैसे बैरागी आश्रम, बैरागी कैंप, प्रेम नगर आश्रम और डाल वाला में हमारी टीम तैनात रहेंगी. अधिकारी ने बताया कि ये सभी टीमें एडवांस लाइफ सेविंग इक्विपमेंट्स से लैस होते हैं.

Kanwar Yatra 2025

सुरक्षा के विशेष इंतजाम
कांवड़ यात्रा के दौरान एसडीआरएफ की टीम रिमोट ऑपरेटेड लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट, स्पीड मोटर बोट और रैफ्ट के साथ तैनात रहेगी. कांवड़ी यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरीके से तैयार रहेगी. इन सब व्यवस्थाओं के बाद भी हर साल कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ हादसे हो जाते हैं. अधिकारी ने बताया कि एक बड़ी चुनौती यह है कि कई सारे श्रद्धालु रेलिंग पार करके आ जाते हैं.

एसडीआरएफ कमांडर ने कहा कि ये जो यात्रियों द्वारा रेलिंग क्रॉस करती है, ये थोड़ी सी प्रॉब्लम रहती है. इसमें जो सेफ्टी प्रोटोकोल्स हैं वो फॉलो किए जाएं. इस बार कई जगह पर रेलिंग को चेंज भी किया गया है. इसी के हिसाब से हमारी ड्यूटी घाटों के आसपास इसी तरह से डिस्ट्रीब्यूटेड रहती है. एसडीआरएफ की टीम ऐसी जगहं पर रहती है, जहां हादसे के चांस ज्यादा है. जहां पर लोग रेलिंग क्रॉस कर रहे हैं, वहां पर ड्यूटी हमेशा रहती है.

श्रद्धालुओं से अपील
एसडीआरफ अधिकारी ने सावन में हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं से अपील भी की है. अधिकारी ने कहा, कि गंगा का बहाव बहुत ज्यादा है. अगर इसमें कोई गिरा तो बचाना मुश्किल हो जाता है. एसडीआरएफ के लोग हादसे को रोकने और लोगों को बचाने के लिए तैनात हैं. किसी का पर्व ना खराब हो, इसके लिए एसडीआरफ तैनात है लेकिन ये जिम्मेदारी उन लोगों की बनती है. अधिकारी ने कहा कि अगर आप इस पर्व में आ रहे हैं तो नियमों का पालन करें. जान जोखिम में ना डालें. जबरदस्ती एडवेंचर ना करें. रेलिंग पार ना करें।

हरिद्वार में हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों की तैयारियां जोरों पर हैं. अब कुछ दिनों का इंतजार है. कुछ दिन बाद हरिद्वार के सभी घाट कांवड़ियों से गुलजार हो जाएंगे. कांवड़िए यहां से गंगाजल भरेंगे और अपने क्षेत्र क ओर जाएंगे. एक महीने सावन का ये पर्व इसी तरह चलता रहेगा. हरिद्वार से गंगाजल लेकर लाखों की संख्या में शिव भक्त कांवड़ भरकर निकलेंगे. इस पवित्र कांवड़ यात्रा को सफल बनाने के लिए पूरा प्रशासन पूरी तत्परता से एकजुट है.