scorecardresearch

Navratri 4th Day: नवरात्रि की चतुर्थी तिथि को मां कूष्मांडा की होगी पूजा, जानिए माता रानी के इस स्वरूप की महिमा, पूजन विधि और महाउपाय

Maa kushmanda: नवरात्रि की चतुर्थी तिथि को देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है. मां कूष्मांडा की आराधना से न सिर्फ मनोकामनाओं की पूर्ति होती है बल्कि नव ग्रहों को भी बलवान बनाया जा सकता है. विशेषकर, कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है. आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि और मां की महिमा.

Maa kushmanda Maa kushmanda

नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की आराधना की जाती है. इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन मान्य है. चतुर्थी तिथि में वृद्धि होने के कारण मां कूष्मांडा की पूजा 26 सितंबर दिन शुक्रवार को की जाएगी. मां कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है. माता रानी की उपासना से न केवल रोगों से मुक्ति मिलती है बल्कि आयु, यश, बल, धन और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है. मां की सच्चे मन से की गई साधना भक्तों को खुशियों की सौगात देती है.

मां कूष्मांडा की महिमा
मां कूष्मांडा को सृष्टि की आदि शक्ति माना जाता है. उनकी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना हुई. मां का वाहन सिंह है और उनके आठ हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा और जपमाला विद्यमान हैं. ज्योतिष में उनका संबंध बुद्ध ग्रह से है और वे अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं.

पूजा विधि और मंत्र
मां कूष्मांडा की पूजा के लिए हरे वस्त्र धारण करें और उन्हें हरी इलायची, सौंफ या कुम्हड़ा अर्पित करें. पूजा के दौरान मधुर ध्वनि और घंटी का प्रयोग करें. मां के मंत्र ओम कूष्मांडा देवीये नमः का 108 बार जाप करें. इसके साथ ही दुर्गा स्रोत का पाठ करें.

सम्बंधित ख़बरें

मां कूष्मांडा की कृपा से लाभ
मां कूष्मांडा की उपासना से मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. हकलाहट, अभिव्यक्ति की समस्या, शिक्षा और एकाग्रता से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं. त्वचा और सौंदर्य संबंधी समस्याओं में भी राहत मिलती है. धन और कारोबार की समस्याओं का समाधान होता है.

मां को प्रिय भोग
मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग विशेष रूप से प्रिय है. पूजा के बाद मालपुए को ब्राह्मण या गरीब को दान करें. ऐसा करने से बुद्धि का विकास और निर्णय क्षमता में सुधार होता है. कुंडली में बुध ग्रह की कमजोर स्थिति को सुधारने के लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी है.

विशेष उपाय
नवरात्रि के चौथे दिन विवाहित महिलाओं की पूजा करें और उन्हें दही, हलवा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें. इससे मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं.

मंत्र जाप का महत्व
मां कूष्मांडा के मंत्र या देवी सर्वभूतेषु कूष्मांडा रूपेण संस्थिता नमस्ते नमस्ते नमो नमः का जाप करने से जन्म-जन्मांतर के कष्ट और निराशा का अंत होता है. मंत्र जाप के साथ विधिवत पूजा करने से मां की कृपा दृष्टि बनी रहती है.

किन राशियों के लिए शुभ
ज्योतिष गणना के अनुसार नवरात्रि की चतुर्थी तिथि सभी 12 राशियों के लिए शुभ रहने वाली है लेकिन चतुर्थी तिथि वृषभ और तुला राशि वालों के लिए खास शुभ फलदायी साबित होगी.