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Mahashivratri 2025: 26 या 27 फरवरी, कब है महाशिवरात्रि? जानिए महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त... ऐसे करें जलाभिषेक

Mahasivratri Kab Hai: महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में काफी पवित्र त्योहार माना जाता है. श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव की उपासना करते हैं, व्रत रखते हैं. महाशिवरात्रि इस बार कब है? इसको लेकर काफी कन्फ्यूजन है?

Mahashivratri 2025 Mahashivratri 2025
हाइलाइट्स
  • हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व

  • मंदिरों में उमड़ेगी भक्तों की भीड़

Mahasivratri Kab Hai: महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में काफी पवित्र त्योहार माना जाता है. श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव की उपासना करते हैं, व्रत रखते हैं. महाशिवरात्रि इस बार कब है? इसको लेकर काफी कन्फ्यूजन है?

महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है. महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव की अराधना के लिए बड़ा दिन माना जाता है. महाशिवरात्रि हर साल में एक बार आती है. भगवान शंकर त्रिमूर्ति में से एक हैं. भोलेनाथ को सृष्टि का संहारक माना जाता है.

महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित होती है. इस दिन भोलेनाथ के भक्त उनकी उपासना करते हैं. इस दिन भगवान शंकर के मंदिरों में भीड़ जुटी रहती है. 

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माना जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ की उपासना करने वो जल्दी प्रसन्न होते हैं. लोग महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करते हैं. इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है या 27 फरवरी को है. इसको लेकर काफी कन्फ्यूजन है. महाशिवरात्रि कब है? आइए इस बारे में जानते हैं.

कब है महाशिवरात्रि?
महाशिवरात्रि दक्षिण भारत में माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. वहीं नॉर्थ इंडिया में महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. चाहे कैलेंडर अलग-अलग हो लेकर शिवरात्रि हमेशा एक दिन मनाई जाती है.

महाशिवरात्रि आमतौर पर हर साल फरवरी या मार्च में मनाई जाती है. इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी बुधवार को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि इस बार 26 फरवरी को सुबह 12.09 बजे से 27 फरवरी को 12.59 बजे तक मनाई जाएगी.

पूजा का मुहूर्त
महाशिवरात्रि इस बार 26 फरवरी की सुबह शुरू हो जाएगी. पूरे दिन भगवान शिव की आराधना की जाएगा. महिलाएं और पुरुष भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक करेंगे. इसके अलावा महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत भी रखती हैं.

महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का महत्व माना जाता है. इस दिन लोग भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़ते हैं. महाशिवरात्रि पर सुबह 6.47 बजे से सुबह 9.42 बजे तक जल चढ़ाने का काफी महत्व है. इसी तरह रात 12 बजे तक भगवान शिव का जलाभिषेक करने का मूहुर्त रहेगा.

खास उपाय
महाशिवरात्रि को भगवान शिव की रात के रूप में जाना जाता है. रात में मंदिरों में भगवान शंकर के भजन कीर्तन होते हैं. माना जाता है कि इस दिन कुछ खास उपाय करने से भोलेनाथ भक्तों के संकल्प पूरा हो जाता है.

महाशिवरात्रि पर भक्तों को शिव मंदिर में जाकर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. शिवलिंग के पास घी का दीपक जरूर जलाएं. माना जाता है कि इस उपाय से धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. मंदिर नहीं जा पा रहे तो घर पर छोटा-सा शिविलिंग बनाकर स्थापित करें. साथ ही शिविलिंग का दूध से अभिषेक करें. ऐसा करने से गरीबी और दुख-दर्द दूर होगा.