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Mata Janaki Temple: अयोध्या की तर्ज पर बिहार के सीतामढ़ी में बनेगा मां जानकी का भव्य मंदिर, 51 शक्तिपीठों की मिट्टी और जल से होगा निर्माण

बिहार के सीतामढ़ी में मां जानकी का भव्य मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए 12 एकड़ भूमि आवंटित की गई है. मंदिर निर्माण में 51 शक्तिपीठों के जल और मिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा. अयोध्या राम मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा इस मंदिर का मॉडल तैयार करेंगे.

Lord Rama and Mother Sita Lord Rama and Mother Sita
हाइलाइट्स
  • मां जानकी मंदिर में 108 फीट ऊंची हनुमान जी की भी होगी प्रतिमा 

  • जटायु रूप में गरुड़ भगवान की भी प्रतिमा की जाएगी स्थापित 

अयोध्या में प्रभु श्री राम के दिव्य और भव्य मंदिर बनने के बाद अब मां जानकी का भी भव्य मंदिर बनाने की तैयारी है. मां जानकी का ये धाम बिहार के सीतामढ़ी में बनेगा. मां जानकी मंदिर के लिए 12 एकड़ भूमि भी आवंटित कर दी गई है. माना जा रहा है कि जल्दी ही अयोध्या की तर्ज पर सीतामैया के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इस मंदिर के निर्माण में 51 शक्तिपीठों के जल और मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जाएगा. अयोध्या में जीस दिव्यता और भव्यता के साथ प्रभु श्री राम पधारे, उसी भव्यता और दिव्यता के साथ मां जानकी के इस खबर ने सीताराम के भक्तों को खुशी से भर दिया है. 

मंदिर का मॉडल करेंगे तैयार 
सीतामढ़ी में जानकी धाम के लिए बिहार सरकार की ओर से रामायण रिसर्च काउंसिल को भूमि आवंटित कर दी गई है. ये वही भूमि है जीस पर आने वाले समय में मां जानकी का भव्य धाम जल्द ही आकार लेने वाला है. अयोध्या राम मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा इस मंदिर का मॉडल तैयार करेंगे.

जानकी तीर्थ क्षेत्र के रूप में किया जाएगा विकसित 
जानकी माता का कीड़ा स्थल से लेकर वह जहां-जहां गईं और जहां विवाह हुआ उन सभी स्थलों को जानकी तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. भगवान राम से मां जानकी की पहली मुलाकात, गौरी पूजन के लिए जनकपुर से वह आती थीं, वह स्थान मधुबनी का है, ये पूरा अस्थल जानकी तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. बिहार सरकार ने पुनरा धाम मंदिर के विकास के लिए 50 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की मंजूरी दी है. इससे पहले 16 एकड़ से ज्यादा भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दी गई थी. यह मंदिर सीतामढ़ी के पुनौरी गांव में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि मां सीता का जन्म यही पर हुआ था. 

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मां भगवती की कर रहे रक्षा
रामायण रिसर्च काउंसिल की देखरेख में मां सीता प्राकाट्य क्षेत्र में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है. मंदिर में भगवान राम के परम भक्त वीर बजरंगी हनुमान जी की 108 फिट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी. भगवान विष्णु के वाहन गरुड को जटायु के रूप में मंदिर में विराजमान किया जाएगा. खास बात ये है कि जानकी धाम के निर्वाण के लिए 51 शक्तिपीठों से मिट्टी, जल और जोत लाई जाएगी. 51 शक्तिपीठों से मिट्टी और जोत लाकर पहली बार मां सीता जी को श्री भगवती के रूप में स्थापित किया जाएगा. पहली बार ऐसा होगा कि 108 फिट की हनुमान जी की प्रतिमा वहां पर होगी. गरुड़ भगवान की बिहार में पहली बार जटायु रूप में प्रतिमा होगी क्योंकि इस गर्भस्थल के बाहर में आज भी हनुमान जी और जटायु जी मां भगवती की रक्षा कर रहे हैं. 

यह मंदिर प्राचीन ग्रंथ शिल्पशास्त्र आधारित होगा. आशीष सोमपुरा ने बताया कि अयोध्या में जो राम मंदिर बना है और उसकी जो भव्यता है, उसी जैसी भव्यता जानकी मंदिर की भी होगी. हम लोग कमेटी के साथ बैठ के मंदिर का एक पूरा प्रारूप तैयार करेंगे. उन्होंने बताया कि काफी चीजों के सजेशन्स आ रहे हैं. राम मंदिर का भव्यता तो आप लोग देख ही रहे हैं मां जानकी का भी उसी तरह से उतना ही भव्य मंदिर और उतना अच्छा आर्किटेक्चर हो ऐसा हमारा प्रयास रहेगा. सीतामढ़ी रामायण सर्किट का भी हिस्सा है, जो रामायण में वर्णित 15 महत्वपूर्ण स्थानों में शामिल है. केंद्र सरकार ने इसे धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए चिह्नित किया है. माना जा रहा है कि अगले कुछ ही वर्षों में मां जानकी भव्य मंदिर में भगवती के रूप में विराजमान होंगी.

(केशब आनंद और संजय शर्मा की रिपोर्ट)