Mauni Amavasya 
 Mauni Amavasya हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. इस बार यह त्योहार 1 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन सुबह उठकर स्नान-दान करने का विशेष महत्व है. मान्यता के अनुसार इस दिन पूजन और दान-पुण्य करने से कई हजार गुणा फल मिलता है. इस दिन राशि के अनुसार किया गया दान अधिक लाभदायक होता है और ग्रह शांत होते हैं.
नाम से ही आपको समझ आ गया होगा कि मौनी मतलब मौन. इस दिन मौन रहकर पूजा-व्रत किया जाता है. दरअसल मौन रहकर पूजा करने से मनुष्य के अंदर आंतरिक उर्जा की वृद्धि होती है. शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन सृष्टि के संचालक मनु का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है.
क्या है शुभ समय?
इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी यानी मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन सूर्योदय प्रात: 7.11 बजे से लेकर प्रात: 11 बजकर 15 मिनट तक अमावस्या तिथि, श्रवण नक्षत्र और व्यतिपात योग का संयोग होने से महोदय नाम का योग बन रहा है. यह योग कुल 4 घंटे 4 मिनट रहेगा. इस दिन दान पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होता है. इस योग में किसी तीर्थस्थल पर जाकर स्नान, पूजन, दान-पुण्य करना एक करोड़ सूर्यग्रहण के समय किए गए दान के समान शुभ फल देता है.
इन उपायों से मिलेगा विशेष फल 
वैसे तो मौनी अमवस्या के दिन तिल, गुण का दान महादान माना जाता है, लेकिन इस दिन छोटे-मोटे उपाय भी विशेष फल देते हैं. मौनी अमावस्या के दिन शनि देव को तेल अर्पित करने से शनि से जुड़ी पीड़ा दूर होती है. इसके अलवा इस दिन गायों को हरा चारा खिलाने, मछलियों को आटे की गोली देने और पक्षियों को दाना डालने से बहुत पुण्य मिलता है. गरीबों को इस दिन भोजन करवाने से भी पुण्य मिलता है.
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