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Mohini Ekadashi 2025: इस साल 7 या 8 मई, कब है मोहिनी एकादशी, जान लें सही तिथि और भगवान विष्णु की पूजा विधि

Mohini Ekadashi 2025 Date: मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भक्त पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की सालों भर विशेष कृपा बनी रहती है.

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हाइलाइट्स
  • 8 मई 2025 को रखा जाएगा मोहनी एकादशी का व्रत  

  • इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की होती है पूजा-अर्चना 

हिंदू धर्म में सभी एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया. साल में कुल 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. मोहिनी एकादशी काफी शुभ मानी जाती है. इस दिन जो भक्त व्रत रखते हैं, उनपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है. घर में पैसों की कमी नहीं होती है. इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. भक्त के सभी कार्य सिद्ध होते हैं.

कब है मोहिनी एकादशी
पंचांग के मुताबिक इस बार वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10:18 बजे से शुरू होकर 8 मई 2025 को दोपहर 12:28 बजे तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य होती है. ऐसे में मोहनी एकादशी 8 मई 2025 को मनाई जाएगी. श्रद्धालु इसी दिन व्रत रखेंगे.

मोहनी एकादशी के दिन दोपहर 2:32 बजे से 3:26 बजे तक विजय मुहूर्त रहेगा. इस समय के दौरान भगवान विष्णु की आराधना करना काफी अच्छा माना जाता है. इसस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 59 मिनट से 7 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. मोहनी एकादशी के दिन व्रत रखने वाले भक्त 9 मई को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक कर सकते हैं.

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भगवान विष्णु ने क्यों धारण किया था मोहिनी रूप   
विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण राक्षसों से अमृत कलश लेने के लिए लिया था. देवताओं और राक्षसों ने अमृत की प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया था. इस मथंन में अमृत कलश निकला था. इस अमृत को पीने के लिए देवताओं और राक्षसों में विवाद होने लगा. युद्ध की नौबत आ गई.

ऐसे में भगवान विष्णु ने विवाद सुलझाने और सिर्फ देवताओं को अमृत बांटने के लिए मोहिनी नामक एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया था. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही मोहिनी रूप धारण किया था. इसी कारण इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर असुरों को अपने माया जाल में फंसाकर रखा. इस दौरान देवताओं ने सारा अमृत ग्रहण कर लिया. 

मोहिनी एकादशी के दिन कैसे करें पूजा 
1. मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की आराधना की जाती है. 
2. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
3. भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय होता है, इसलिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करें.
4. इसके बाद भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरुप का ध्यान करें. 
5. फिर रोली, मोली, पीले चंदन, अक्षत, पीले पुष्प, फल, मिष्ठान भगवान विष्णु को अर्पित करें.
6. फिर धूप-दीप से श्री हरि की आरती उतारें और मोहिनी एकादशी की कथा पढ़ें.
7. इस दिन गायों को हरा चारा खिलाना फलदायी माना गया है.
8. इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार धन का दान करें. 
9. ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं. 
10. इस दिन श्री नारायण को ध्यान में रखते हुए भजन करना चाहिए.