

विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबाधाम की ओर रवाना हो रहे शिवभक्तों का सिलसिला लगातार जारी है. कांवड़िया पथ पर श्रद्धा और भक्ति की अनूठी छटा देखने को मिल रही है. इस दौरान श्रद्धालु अपने कांवड़ को भी आकर्षक और भव्य रूप में सजा रहे हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है. पटना सिटी के कंकड़बाग स्थित योगीपुरी शिव मंदिर समिति के सैकड़ों कांवड़ियों का जत्था 108 फीट लंबे भव्य कांवड़ के साथ सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबाधाम के लिए रवाना हुआ.
108 फीट लंबा कांवड़-
समिति के सदस्य धर्मेंद्र कुमार, संजय यादव और शंकर यादव ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से हर साल वे लोग 108 फीट लंबा कांवड़ लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम जाते हैं. उन्होंने बताया कि गांव के लखन यादव को शादी के बाद कई वर्षों तक संतान नहीं हुई थी. बाबा की कृपा से 80 वर्ष की उम्र में उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई. तब से उन्होंने मन्नत मानी और तभी से इस भव्य कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई. कांवड़ निर्माण और यात्रा का पूरा खर्च वही वहन करते हैं.
12 ज्योतिर्लिंगों वाली कांवड़-
इस वर्ष तीन कांवड़िए सासाराम से विशेष रूप से इस कांवड़ को लेकर जा रहे हैं, जिनकी मनोकामनाएं बाबा ने पूरी की हैं. कांवर की बनावट भी बेहद खास है. इसमें 12 ज्योतिर्लिंगों का चित्रण, महावीर मंदिर का स्वरूप, शिव-पार्वती की प्रतिमा, गणेश जी की प्रतिमा, दोनों छोर पर दो विशाल शेषनाग और सैकड़ों रंगीन बल्बों की सजावट की गई है. कांवर पर छोटे-छोटे घुंघरू भी लगाए गए हैं, जो चलते समय मनमोहक ध्वनि उत्पन्न करते हैं. इस कांवड़ को एक साथ 21 कांवड़िए उठाकर ले जा रहे हैं. समिति के लोगों ने बताया कि इस कांवड़ को तैयार करने में लगभग एक माह का समय लगा है और इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को एक साथ जोड़कर श्रद्धा व एकता का संदेश देना है.
दोनों पैरों से दिव्यांग की कांवड़-
औरंगाबाद जिले के राकेश पासवान दोनों पैरों से दिव्यांग रहने के बावजूद भी हाथ के सहारे देवघर जा रहे हैं. औरंगाबाद जिले के बारुण थाना निवासी राकेश ने बताया कि वह पान की दुकान चलाते हैं, हर साल गाड़ी से देवघर जाते थे. इस बार बाबा भोलेनाथ ने पैदल बुलाया है. बीते गुरुवार को सुल्तानगंज अजगैबीनाथ धाम के उत्तर वाहिनी गंगा से स्नान कर यात्रा आरंभ कर 6 दिनों में असरगंज पहुंचे हैं. अभी तक मुझे कोई परेशानी नहीं हुई है. आशा करते हैं कि एक महीना में बाबा के दरबार पहुंच जाएंगे. बस बाबा भोलेनाथ का दर्शन हो जाए, यही मनोकामना है. दिव्यांग बोल बम की आस्था की चर्चा शिव भक्ति करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
(गोविंद कुमार की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: