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Muzaffarnagar: हरिद्वार से जल लेकर चले 51 किन्नर कांवड़िए, मुजफ्फरनगर में किया जमकर डांस

सावन के महीने में कांवड़ लेकर चलना अद्भुत है. हरिद्वार में हर की पौड़ी से 51 किन्नर कांवड़ लेकर निकले हैं और मुजफ्फरनगर में भगवान शिव के भजनों में जमकर डांस किया. किन्नर कांवड़ियों का कहना है कि वो सबकी खुशी के लिए कांवड़ यात्रा कर रहे हैं.

Transgender Kanwadia Transgender Kanwadia

कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 51 किन्नर कांवड़ियों की टोली ने जमकर धूम मचाई. हरिद्वार हर की पौड़ी से कांवड़ उठाकर बुलंदशहर की तरफ प्रस्थान कर रही 51 किन्नरों की ये टोली देर रात मुजफ्फरनगर जनपद में पहुंची थी, जहां इन्होंने भगवान शिव शंकर के भजनों पर जमकर डांस कर सबका मन मोह लिया.

चौथी बार कांवड़ लेकर जा रहे हैं किन्नर-
किन्नर कांवड़िए बताते हैं कि सभी की खुशी के लिए वह अपनी ये चौथी कांवड़ लेकर आ रहे है और इस कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें बहुत परेशान किया है. लेकिन ये सब कुछ भूल कर समाज को मैसेज देना चाहते हैं कि सभी लोग कांवड़ में आए. लेकिन किसी को परेशान ना करें, किसी को उल्टा सीधा या गलत ना बोले, आराम से आए और आराम से अपनी यात्रा पूरी करें.

51 किन्नर कांवड़ियों की टोली-
किन्नर कांवड़ टोली की प्रिय वशिष्ठ ने बताया कि हम 51 भोले हैं, हम बुलन्दशहर से हैं, यह हमारी चौथी कांवड़ है. यही मांग करके उठे हैं कि सब खुश रहे, भगवान अच्छा रखें, यह जो मेरे जजमान हैं, भगवान उनको अच्छा रखें, सबको स्वस्थ रखें, उनके बच्चे बने रहे. उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा में उत्तराखंड के पुलिस वालों ने हमें थोड़ा परेशान किया है. बाकी तो हमें किसी ने कुछ नहीं कहा. मुजफ्फरनगर प्रशासन का बहुत अच्छा व्यवहार है. बस यही कहेंगे कि आप सब लोग आएं, किसी को परेशान ना करें, किसी को उल्टा न बोले, किसी को गलत न बोले, भोले हैं, आराम से आए, आराम से जाएं, मिल बांट कर आये, मिल बांट कर जाएं, बहुत अच्छी रही यात्रा.

भगवान भोलने की मूर्ति की परिक्रमा करते हैं भक्त-
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर जनपद के नगर में स्थित हृदय स्थली शिव चौक एक ऐसा मुख्य केंद्र है, जहां से हरिद्वार हर की पौड़ी से कांवड़ उठाकर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लिए शिवभक्त कांवड़िए प्रस्थान करते हैं. यहां पर आकर सभी शिव भक्त भोले शिव मूर्ति की परिक्रमा करते हैं और उसके बाद अपने अपने गंतव्य की ओर बढ़ जाते हैं.

(संदीप सैनी की रिपोर्ट)

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