
Maa Durga: हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का विशेष महत्व है. नवरात्रि का पर्व वर्ष में चार बार आता है. इसमें दो गुप्त नवरात्रि के रूप में मनाई जाती है और अन्य दो चैत्र और शारदीय नवरात्रि के नाम से जानी जाती है. शारदीय और चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा (Maa Durga) की पूजा पूरी आस्था के साथ भक्तगण करते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के सभी नौ दिनों तक देवी दुर्गा पृथ्वी लोक पर रहती हैं. इस दौरान मां दुर्गा की आराधना करने से भक्त पर विशेष कृपा बरसती है.
इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रही है, जो 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगी. इसके बाद 2 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा. इस साल शारदीय नवरात्रि नौ दिन की जगह 10 दिन की होगी क्योंकि तृतीया तिथि दो दिन 24 और 25 सितंबर को रहेगी, जिससे शारदीय नवरात्रि में एक दिन की वृद्धि होगी. नवरात्रि में बढ़ती तिथि को शुभ माना जाता है, जबकि घटती तिथि को अशुभ.
हाथी पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा
इस साल शारदीय नवरात्रि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है. यह एक शुभ संयोग माना जाता है. इससे पूजा का विशेष फल मिलेगा. नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी पर आती है. इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. हाथी की सवारी अत्यंत शुभ और मंगलकारी मानी जाती है.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि का शुभारंभ कलश स्थापना से होता है. इसकी स्थापना शुभ मुहूर्त में किया जाता है. 22 सितंबर को कलश स्थापना भक्त करेंगे. इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह में 06:09 बजे से लेकर 08:06 बजे तक है. इस तरह से सुबह में कलश स्थापना के लिए कुल 1 घंटा 56 मिनट का समय मिलेगा. कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:49 बजे से 12:38 बजे तक है. इसकी अवधि सिर्फ 49 मिनट है.
शारदीय नवरात्रि 2025 कैलेंडर
22 सितंबर: प्रतिपदा, शैलपुत्री पूजा
23 सितंबर: द्वितीया, ब्रह्मचारिणी पूजा
24 सितंबर: तृतीया, चंद्रघंटा पूजा
26 सितंबर: चतुर्थी, कूष्माण्डा पूजा
27 सितंबर: पंचमी, स्कन्दमाता पूजा
28 सितंबर: महाषष्ठी, कात्यायनी पूजा
29 सितंबर: महासप्तमी, कालरात्रि पूजा
30 सितंबर: महाअष्टमी, महागौरी पूजा
1 अक्टूबर: महानवमी, सिद्धिदात्री पूजा
2 अक्टूबर: विजयादशमी
नवरात्रि पूजा के जरूरी नियम
1. मां दुर्गा के भक्तों को नवरात्रि के नौ दिनों तक माता रानी की आराधना तन और मन से पवित्र रहते हुए और एक निश्चित समय पर करनी चाहिए.
2. नवरात्रि में सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
3. नवरात्रि में बाल-नाखून आदि नहीं कटवाने चाहिए.
4. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के रूपों अनुसार उनके मंत्र का जप करें.
5. नवरात्रि में हर दिन एक कन्या का पूजन करें या फिर अष्टमी या नवमी तिथि पर एक साथ 9 कन्याओं का पूजन करें.
6. नवरात्रि में अखंड ज्योति लगातार जलती रहनी चाहिए.
7. नवरात्रि पर यदि कलश की स्थापना करें तो घर को कभी खाली न छोड़ें. किसी न किसी व्यक्ति को अवश्य रहना चाहिए.
8. नवरात्रि पर माता रानी को हर दिन उनके दिन के हिसाब से वस्त्र और पुष्प अर्पित करें.
9. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए रोज देवी के हिसाब से भोग लगाएं.
नवरात्रि पर न करें ये काम
1. नवरात्रि में देवी स्थान को गंदे हाथ से भूलकर भी स्पर्श न करें.
2. नवरात्रि में झूठ नहीं बोलें और न ही किसी संग गलत व्यवहार करें.
3. नवरात्रि में महिलाओं को बाल खोलकर देवी की पूजा नहीं करना चाहिए.
4. पुरुष और स्त्री दोनों को सिर ढंक कर देवी की पूजा में बैठना चाहिए.
5. नवरात्रि के नौ दिनों तक नियम-संयम बनाए रखें और भूलकर भी बीच में व्रत न तोड़ें.
6. नवरात्रि में किसी कन्या को पीड़ा नहीं पहुंचाएं.
7. मां दुर्गा की पूजा कभी भी गलत दिशा की ओर मुख करके न करें.
8. नवरात्रि में तामसिक चीजों का सेवन न करें.
9. कन्या पूजन करने के बाद बगैर दक्षिणा के उन्हें विदा न करें.
10. नवरात्रि के 9 दिनों में काले रंग के वस्त्र धारण न करें.