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Papankusha Ekadashi 2022: कल रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत कथा

Papankusha Ekadashi 2022: भारत में सालभर में 24 एकादशी का व्रत किया जाता है. हर एकादशी का अपना एक महत्व है. विजयदशमी के अगले दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है.

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हिंदू धर्म में हर महीने दो एकादशी का व्रत किया जाता है. इस महीने की पहली एकादशी 6 अक्टूबर को है जिसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी का हिंदू शास्त्रों में अत्यंत महत्व बताया गया है. 

पापांकुशा एकादशी की कथा 
मान्यता है कि प्राचीन समय में विंध्य पर्वत पर एक बहेलिया रहता था. वह बहुत ही पापी था और उसका सारा जीवन हिंसा, लूटपाट, मद्यपान और गलत संगति पाप कर्मों में बीता. जब उसका अंतिम समय आया तब यमराज के दूत बहेलिये को लेने आए. यमदूतों ने उससे कहा कि तुम्हारे जीवन का अंतिम दिन निकट है हम जल्द तुझे लेने आएंगे. 

बहेलिया इससे भयभीत हो गया और महर्षि अंगिरा के आश्रम में पहुंचा. उसने महर्षि अंगिरा से प्रार्थना की और अपने पापों स मुक्ति का मार्ग पूछा. उसके निवेदन पर महर्षि अंगिरा ने उसे आश्विन शुक्ल की पापांकुशा एकादशी का विधि पूर्वक व्रत करने को कहा. बहेलिए ने यह व्रत किया और उसे पापों से मुक्ति मिल गई. और इस व्रत पूजन के बल से वह भगवान की कृपा से वह विष्णु लोक को गया. 

क्या है पूजा विधि
एकादशी का व्रत करने से अनेक प्रकार का फल मिलता है. पापांकुशा एकादशी करने के एक दिन पूर्व से ही आहार छोड़ देना चाहिए. पुरी तरह से शरीर को शुद्ध कर के श्रीलक्ष्मी  नारायण भगवान का पूजन करें. भगवान विष्णु ही एकादशी के प्रधान देवता होते है इसलिए अच्छे से पूजन करक इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं. 

गाय को खाना दें. महत्वपूर्ण बात यह है की शालिग्राम भगवान को प्रसाद का भोग लगाएं और फिर आप प्रसाद को ग्रहण करें. एकादशी के दिन विष्णु सस्त्रनाम का पाठ या गीता का पाठ करना चाहिए.

क्या है मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, पापांकुशा एकादशी 5 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से शुरू हो जाएगी, और 06 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, एकादशी का व्रत 06 अक्टूबर को रखा जाएगा.