Pinky Sharma Married Lord Krishna
Pinky Sharma Married Lord Krishna भक्ति और आस्था का एक अनूठा उदाहरण बदायूं जिले के इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव ब्यौर कासिमाबाद में देखने को मिला, जहां 28 वर्षीय पिंकी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को अपना जीवनसाथी चुनकर विवाह रचा लिया. पोस्ट ग्रेजुएट पिंकी की यह अनोखी शादी शनिवार को संपन्न हुई और रविवार को उनकी विदाई हुई. पूरे गांव ने इस आयोजन में घराती की भूमिका निभाई और पिंकी के जीजा इंद्रेश शर्मा बाराती की भूमिका में थे. परिवार ने भी बेटी की खुशी के लिए विवाह की सभी पारंपरिक रस्में पूरी कीं. पिंकी ने श्रीकृष्ण की प्रतिमा को गोद में लेकर सात फेरे लिए.
बोलीं- भगवान का मिला था इशारा
पिंकी, जो अब श्याम की दुल्हन बन चुकी हैं, ने अपने निर्णय, भविष्य की योजनाओं और जीवन में आए बदलावों के बारे में हमें विस्तार से बताया. पिंकी ने स्पष्ट किया कि यह केवल उनका निर्णय नहीं था, बल्कि उन्हें भगवान का इशारा मिला था.
सवाल: आपकी सेवा भावना का आधार क्या है?
जवाब: मैं बांके बिहारी जी की सेवा करती हूं, जो कुछ हैं, मेरे वही हैं. उन्होंने खुद ही मुझे अपनाया है.
सवाल: इस समर्पण का विचार कब आया?
जवाब: मैं 3 महीने पहले बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन गई थी, तो मुझे प्रसाद में गोल्ड रिंग मिली थी. मैंने यह उनका इशारा समझा. अब तो मैं अपना पूरा जीवन कुंज बिहारी को दे चुकी हूं.
सवाल: विवाह के बाद आप कहां रहेंगी?
जवाब: विवाह के बाद वृंदावन में रहने की इच्छा है.
सवाल: विवाह के बाद आपके खर्चे कैसे मैनेज होंगे?
जवाब: सब मैंने प्रभु श्रीकृष्ण के ऊपर छोड़ दिया है, वही करेंगे अब, जो वही करेंगे, वही होगा. मैं किसी के ऊपर डिपेंड नहीं हूं. मुझे पूरी आस्था है उन पर.
सवाल: आपके माता-पिता और परिवार का सहयोग कैसा रहा?
जवाब: सभी ने पूर्ण सहयोग किया. गांव वालों ने भी पूरा सहयोग किया है. शादी होने के बाद मुझे बहुत खुशी है. मेरा पूरा जीवन अब बदल गया है.
सवाल: भक्ति के रास्ते पर चलने के बाद अब आपने अपने जीवन में क्या बदलाव लाने का निर्णय लिया है?
जवाब: अब मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया है. मेरा समय अब पूजा में, ध्यान में, प्रार्थना में रहेगा. मैं बस कृष्ण की भक्ति में लीन रहना चाहती हूं. बाकी बांके बिहारी मुझे जो करवाएं.
सवाल: क्या आप भक्ति पथ पर अपना नाम बदलेंगी?
जवाब: मेरा नाम पिंकी शर्मा ही है. अभी मैंने ऐसा कोई डिसिशन नहीं लिया है. मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं आ रहा है. मैंने सांसारिक सभी चीजों से अपने आपको मुक्त कर लिया है.
क्या बोले पिंकी के पिता
पिंकी के पिता सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि काफी समय से हम पिंकी की शादी के लिए लड़का खोज रहे थे लेकिन पिंकी हमेशा कहती थी कि बांके बिहारी की जब इच्छा होगी तभी कुछ होगा. हमारा परिवार वृंदावन बांके बिहारी महाराज में अटूट आस्था रखता है और पिंकी भी लगभग हर महीने दर्शन करने जाती थी. तीन माह पहले बांके बिहारी के प्रसाद में पिंकी को सोने की अंगूठी मिली और पिंकी उसको बांके बिहारी महाराज का इशारा समझ उनसे शादी की इच्छा रखी. पहले तो हम इसको समझा रहे थे लेकिन बाद में हमने शादी की इच्छा मान ली. 10 दिन पहले वृंदावन से हम अपने भाई के दामाद इंद्रेश शर्मा के साथ बांके बिहारी की मूर्ति लेने गए और इंद्रेश जी ने वही पर वर पक्ष की रश्में पूर्ण करने की इच्छा जाहिर की और वो लड़के वाले बन गए.
शुरुआत में परिवार को यह निर्णय अजीब लगा, लेकिन बेटी की अटूट भक्ति देखकर उन्होंने उसका साथ देने का फैसला किया. सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पिंकी की इच्छा है कि वह बिहारी जी के पास रहे और वृंदावन में उसका घर हो. हम उसे वृंदावन में रहने के लिए घर लेकर देंगे. वह यहां भी रहेगी और वहां भी. विवाह संपन्न कराने वाले पंडित रामशंकर मिश्रा ने कहा कि भक्ति में बहुत शक्ति होती है. पिंकी ने कान्हा जी को जीवनसाथी चुना है. हमने सभी की सहमति से यह विवाह संपन्न कराया है. पिंकी अब विदा होकर कृष्ण के परिवार की भूमिका निभा रहे अपने जीजा के घर में रह रही है. गांव वाले पिंकी को संत मीरा बाई की तरह ही 'मीरा' कहकर पुकारने लगे हैं.
(अंकुर चतुर्वेदी की रिपोर्ट)