Ganga River (File Photo: PTI)
Ganga River (File Photo: PTI) प्रयागराज महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं के लिए पानी के अंदर हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था होगी. पहली बार जहां अंडर वॉटर ड्रोन और सोनार सिस्टम जैसे उपकरणों का प्रयोग करके जल के अंदर निगरानी की जाएगी, वहीं घाटों के विस्तार को देखते हुए 8 किलोमीटर डीप वॉटर बैरीकेडिंग की जाएगी.
योगी सरकार कर रही जोर-शोर से तैयारी
गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले पर इस बार जल में भी अभूतपूर्व सुरक्षा और निगरानी होगी. पवित्र संगम में पुण्य की डुबकी लगाते समय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर इस बार योगी सरकार कई नए कदम उठा रही है. इसके लिए घाटों और नदियों में सामान्य परिस्थितियों से लेकर किसी भी दुर्घटना की स्थिति में विशेष सुरक्षा सतर्कता के इंतजाम किए जाएंगे. पहली बार जल के अंदर अंडर वॉटर ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी. किसी आकस्मिक घटना या दुर्घटना के समय सोनार सिस्टम रेडियो तरंगों का सहारा लिया जाएगा.
जल सुरक्षा की इनको दी गई है जिम्मेदारी
जल सुरक्षा की जिम्मेदारी पीएसी और जल पुलिस को दी गई है. पानी के अंदर सुरक्षा के लिए इस बार कई नए सिस्टम प्रयोग किए जाएंगे. डीआईजी पूर्वी जोन पीएसी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि पहली बार अंडर वॉटर सेफ्टी और जल के अंदर निगरानी के लिए वॉटर ड्रोन और सोनार सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा. इसके साथ ही जलीय क्षेत्र में किसी भी आकस्मिक स्थिति में क्विक रिएक्शन के लिए पहली बार वॉटर स्कूटर ब्रिगेड भी मौजूद रहेगी. 25 वॉटर स्कूटर उपलब्ध रहेगी, जो जरूरत पड़ने पर तुरंत घटना के पॉइंट पर मदद के लिए मौके पर पहुंच सकेगी. इसके अलावा इस बार स्नान घाटों के विस्तार और संख्या बढ़ने के साथ ही 8 किलोमीटर की डीप वॉटर बैरीकेडिंग भी की जाएगी.
संगम और वीआईपी घाट में बनेंगे फ्लोटिंग स्टेशन
कुंभ मेला क्षेत्र में दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी बनाए जाएंगे. इन्हे संगम और वीआईपी घाट में बनाया जाएगा. तैरती जेटी पर प्राथमिक उपचार के साथ दुर्घटना की स्थिति में निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण भी होंगे. रेस्क्यू बोट्स और अनाकोंडा बोट भी पीएसी को उपलब्ध कराई जाएंगी. कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि कुंभ मेला में आने वालों की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं. जल में सुरक्षा के लिए 6 लाख 25 हजार की राशि स्वीकृत की गई है.