Preparations for the Magh Mela
Preparations for the Magh Mela
संगम नगरी प्रयागराज में तीन जनवरी से माघ मेले की शुरुआत होने जा रही है. अनुमान है कि इस बार माघ मेले में 12 से 15 करोड़ लोग आ सकते हैं. जिनके सुलभ और सुरक्षित त्रिवेणी स्नान के लिए प्रशासन की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है. इसी कोशिश के तहत करीब 500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बस अड्डों, रेलवे स्टेशन और मेला क्षेत्र में तैनात किया जाएगा, ताकि देश और दुनियाभर से माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की मदद की जा सके. वहीं, इस साल माघ मेले में बिजली के खंभों पर QR कोड लगाए जा रहे हैं. जिनकी मदद से लोग न सिर्फ अपनी लोकेशन जान सकेंगे. बल्कि माघ मेले में बिजली से जुड़ी समस्याओं को विभाग तक पहुंचा सकेंगे.
QR कोड से मिलेगी मदद-
माघ मेले में बिजली के खंभों पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं. यह क्यूआर कोड श्रद्धालुओं के लिए मददगार होगा. भक्त इस नई व्यवस्था के जरिए बिजली के खंभों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर अपनी लोकेशन जान सकेंगे और बिजली से जुड़ी समस्याओं को सीधे विभाग तक दर्ज करा सकेंगे. क्यूआर कोड के माध्यम से दर्ज होने वाली शिकायतों का निस्तारण तत्काल कराया जाएगा, जिससे माघ मेला क्षेत्र में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. श्रद्धालु इस क्यूआर कोड के जरिए अपनी लोकेशन जान सकेंगे और तत्काल मदद पा सकेंगे.
500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स होंगे तैनात-
संगम की पवित्र रेती पर माघ मेले के शुरु होने में अब दो हफ्ते से भी कम का वक्त बचा है. 3 जनवरी की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. संगम किनारे साधु-संतों के शिविर, कल्पवासियों की टेंट सिटी, पुलिस की चौकियां समेत दूसरी तैयारियां नजर आने लगी हैं. ये भव्य तैयारी उन करोड़ों आस्थावान श्रद्धालुओं के लिए हो रही है. जो 3 जनवरी से संगम में आस्था की डुबकी लगाने और कल्पवास के लिए यहां पहुंचने वाले हैं. अनुमान है इस बार 44 दिनों के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ लोग पहुंच सकते हैं. जिनकी सुविधा और सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है. इसी तैयारी के तहत करीब 500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स माघ मेले के दौरान नजर आने वाले हैं.
वॉलंटियर्स को दी गई है ट्रेनिंग-
बताया ये जा रहा है कि ये सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स बस अड्डों, रेलवे स्टेशन और मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे. जो मेले के दौरान देश और दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं की मदद करेंगे. लिहाजा तैनाती से पहले इन सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग दी गई है. जिसमें इन्हें प्राकृतिक आपदा से लेकर आतंकी घटनाओं के दौरान लोगों के जान-माल की सुरक्षा के गुर सिखाए गए हैं.
माघ मेले से जुड़ी इन्हीं तैयारियों के बीच ही संगम की रेती पर अलग-अलग अखाड़ों और मठों के बड़े शिविर और उनके प्रवेश द्वार तेजी से बनाए जा रहे हैं. इन शिविरों के ये प्रवेश द्वार मठों और अखाड़ों की पहचान और शान के प्रतीक माने जाते हैं. इसीलिए लाखों रुपये खर्च कर एक से बढ़कर एक प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं.
भगवा रंग में नजर आएंगी ज्यादातर चीजें-
वहीं, इस बार के माघ मेले में आने वाले लोगों को मेले में काफी कुछ भगवा रंग में नजर आने वाला है. पांटून ब्रिजों को भगवा रंग में रंगने के बाद संगम में चलने वाली नावों और साधु-संतों के शिविरों को भी भगवा रंग में रंगने की तैयारी चल रही है.
प्रयागराज में हर साल आयोजित होने वाला ये विशाल मेला दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में एक माना जाता है. कुंभ की तरह ही माघ मेले का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस मेले से लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. यही वजह है कि हर साल माघ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं...और त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाते हैं.
(पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
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